नई दिल्ली। सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्ष का नेतृत्व कर रही कांग्रेस पार्टी शुक्रवार को देश के अगले राष्ट्रपति के नाम पर सहमति बनाने के लिए बातचीत करने जा रहे हैं। इसी गहमागहमी के बीच इंदौर से सांसद व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन का नाम प्रमुखता से सामने आया है।
सूत्रों का कहना है कि महाजन राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हो सकती हैं। महाजन के अलावा झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू का नाम भी दौड़ में है। सूत्रों के मुताबिक महाजन से कहा गया है कि वह अगले एक सप्ताह तक दिल्ली में ही रुकें। राष्ट्रपति चुनाव के लिए पर्चा दाखिल करने की प्रक्रिया गुरुवार से शुरू हो चुकी है। वर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है।
उपराष्ट्रपति पर भी चिंतन
भाजपा में उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर भी चिंतन चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक दक्षिण भारत की राजनीति में पैठ जमाने के लिए भाजपा एम. वैंकेया नायडू और एसएम कृष्णा में से किसी एक नेता को उपराष्ट्रपति चुना जा सकता है।
दिनभर हुआ विचार-विमर्श
भाजपा ने गुरुवार को भावी राष्ट्रपति का नाम फाइनल करने के अपने प्रयास और तेज कर दिए। राजनाथ सिंह, वैंकेया नायडू और अरुण जेटली की तीन सदस्यीय समिति ने सहयोगी दलों के साथ-साथ विपक्षी दलों से कई बैठकें की।
ये हैं राजग के नाम
1.लालकृष्ण आडवाणी
2.ई. श्रीधरन
3.सुमित्रा महाजन
4.द्रौपदी मुर्मू
5.सुषमा स्वराज
किसने किससे बात की
वैंकेया नायडू बुधवार को पीएमके के अंबुमणि रामदास, एआईएनआर कांग्रेस के एन. रंगास्वामी, बसपा के सतीश मिश्रा और राकांपा के प्रफुल्ल पटेल से बात कर चुके हैं। नायडू दक्षिण भारत के तमाम क्षेत्रीय दलों से बात करेंगे। अरुण जेटली बिहार के सीएम नीतीश कुमार से विमर्श करेंगे। राजनाथ सिंह पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के साथ-साथ शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से चर्चा करेंगे।
विपक्ष के नाम
इस बीच माना जा रहा है कि महात्मा गांधी के पड़पोते गोपाल कृष्ण गांधी संयुक्त विपक्ष का उम्मीदवान बनने पर सहमत हो गए हैं। हालांकि सूत्र पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार के नाम का हवाला भी दे रहे हैं। जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव भी राष्ट्रपति प्रत्याशी बनने के लिए उत्सुक नजर आ रहे हैं।
उम्र का बहाना नहीं चलेगा
राष्ट्रपति पद के लिए आडवाणी की पैरवी कर रहे सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा है कि आडवाणी ने ही दो सीटों वाली पार्टी को सत्ता तक पहुंचाया है। उनकी उम्मीदवारी कमजोर करने के लिए बाबरी मस्जिद केस या उनकी उम्र का बहाना नहीं चलेगा।