नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों को सस्ता कर्ज मुहैया कराने की अवधि बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में किसानों के लिए ब्याज वापसी की स्कीम को भी आगे जारी रखने की मंजूरी दी गई। इस स्कीम के तहत सरकार किसानों को उनके चुकाए ब्याज का 5% हिस्सा उन्हें वापस कर देगी।
इस स्कीम के तहत सरकार करीब 19000 करोड़ रुपए खर्च करेगी और इसमें किसानों को 9% ब्याज पर मिलने वाला लोन अब 4% ब्याज पर मिलेगा।
बता दें कि पहले महाराष्ट्र और फिर मध्य प्रदेश में हुए किसान आंदोलन के बाद से कर्जमाफी की मांग एक बार फिर तेज हो गई है। दरअसल यूपी विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी ने सरकार बनने के बाद किसानों की कर्जमाफी का एलान किया था। जिसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी पहली ही कैबिनेट में किसानों का कर्ज माफ करने का फैसला किया था। इसी के बाद से देश के अन्य राज्यों में किसान आंदोलन कर कर्जमाफी की मांग करने लगे थे।
कर्जमाफी से जुड़े कुछ आकड़ों पर नज़र डाले तो पिछले कुछ सालों में बैंकों का कृषि क्षेत्र में बकाया कर्ज बढ़ता जा रहा है। 2014-15 में बैंकों का कृषि कर्ज – 8.4 लाख करोड़ रुपए था जो 2015-16 में 9.1 लाख करोड़ हुआ और अब यानी 2016-17 में 9.6 लाख करोड़ रुपए हो चुका है।