श्रीहरिकोटा। भारत ने अंतरिक्ष में एक और बड़ी सफलता हासिल की है। सोमवार को देश का अब तक का सबसे बड़ा रॉकेट GSLV-मार्क 3 का सफल प्रक्षेपण किया गया। आंध्र प्रदेश के सतीश धवन स्पेस सेंटर से GSLV मार्क 3 की लॉन्चिंग हुई।
इसरो ने इस लॉन्चिग के सफलतापूर्वक पूरा होने की घोषणा करते हुए इस दिन को ऐतिहासिक बताया। रॉकेट ने निर्धारित 5.28 मिनट पर उड़ान भरी और संचार उपग्रह जीसैट-19 को कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया। इसरो ने 2001 से अब तक 11 बार सैटेलाइट स्पेस में भेजे हैं।
मोदी ने दी बधाई
इसरो ने कहा कि आने वाले वक्त में नए जीएसएलवी रॉकेट से इंसानों को स्पेस की सैर कराई जा सकती है। इस ऐतिहासिक मिशन की कामयाबी पर नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसरो को बधाई दी और कहा, कहा कि इसरो की उपलब्धि पर देश को गर्व है।
अंतरिक्ष में भेज सकेंगे यात्री
इसरो की इस सफलता ने भारत को उन चुनिंदा देशों-अमेरिका, रूस, चीन और जापान की श्रेणी में लाकर खड़ा दिया जो भारी भरकम सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजने की क्षमता रखते हैं। इस कामयाबी के बाद भारत के पास अंतरिक्ष की दुनिया में नए कीर्तिमान स्थापित करने के अवसर होंगे।
200 हाथियों के बराबर है वजन
जीएसएलवी मार्क 3 की ऊंचाई 13 मंजिला इमारत के बराबर है और ये चार टन वजनी सेटेलाइट को अपने साथ ले जा सकता है। इसका वजन 200 हाथियों के बराबर है। इसरो ने इस रॉकेट को 'फैट ब्वॉय' नाम दिया है। GSLV हाई स्पीड इंटरनेट सेवाएं मुहैया कराने में सक्षम है। इस रॉकेट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके क्रायोजेनिक इंजन को इसरो के वैज्ञानिकों ने भारत में ही विकसित किया।