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मनमानी फीस नहीं वसूल सकते प्राइवेट स्कूल, सरकार ने मांगा डाटा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 2 2017 9:53PM | Updated Date: Jun 2 2017 9:53PM
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नई दिल्ली। मनमानी फीस वसूलने वाले और अन्य शुल्क लगाने वाले स्कूलों पर नकेल कसने के प्रयासों के तहत केंद्र सरकार ने निजी स्कूलों से उनके शुल्क ढांचे और हाल के सालों में शुल्क में वृद्धि के बारे में आंकड़े मांगे हैं।

 
इससे पहले सीबीएसई ने निजी स्कूलों को अपने परिसर में ड्रेस और किताबें बेचकर उसे ‘दुकान’ में तब्दील करने के खिलाफ चेतावनी दी थी। इसमें कहा गया था कि कुछ प्राइवेट स्कूल मनमानी फीस वसूल रहे हैं। स्कूलों द्वारा अधिक फीस की वसूली और हर साल शुल्क में वृद्धि माता-पिताओं की चिंता का विषय है।
    
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने पीटीआई को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा, ‘‘हमने स्कूलों से कहा है कि वो अतर्कसंगत शुल्क वसूल नहीं करें। शुल्क तर्कसंगत होने चाहिए और कोई प्रछन्न लागत नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह माता-पिता के लिए अधिक खीझ पैदा करने वाला है। उन्होंने कहा, हमने उनके शुल्क ढांचे और शुल्क में वृद्धि के बारे में स्कूलों से आंकड़े मांगे हैं। कई स्कूलों ने इसे भेजा है और आंकड़े का विश्लेषण किया जा रहा है। जिन स्कूलों ने इसे नहीं भेजा है उन्हें रिमाइंडर भेजा जा रहा है और उन्हें दंडित किया जाएगा। मंत्री ने हालांकि स्कूलों को दंडित करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में स्पष्टीकरण नहीं दिया।
 
गुजरात ने पिछले महीने ‘गुजरात स्व-वित्तपोषण स्कूल :शुल्क नियमन: विधेयक, 2017’ लागू किया था ताकि स्कूलों द्वारा वसूल किए जाने वाले अधिक शुल्कों का नियमन किया जा सके। इस बिल के जरिए स्कूलों की फीस पर लगाम कसी जाएगी। 
 
बीएड कॉलेजो पर शिकंजा
केंद्र सरकार ने बीएड कॉलेजों के नाम पर चल रही ‘‘दुकानों’’ पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है और उनसे पाठ्यक्रम संरचना और दूसरी जानकारियों से जुड़ा हलफनामा देने को कहा गया है। एचआरडी मंत्रालय ने कहा देशभर से करीब 7000 कॉलेजों ने हलफनामा भेज दिया है और कई अभी प्रक्रिया में हैं। 
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