नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए एक बीएसएफ के जवान को गले लगा लिया। यह वहीं जवान है जो 2014 में आतंकवादी हमले के दौरान कई गोलियां लगने से बुरी तरह घायल हो गए थे। गुरूवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कार्यक्रम में राजनाथ ने गोधराज मीणा को वीरता मेडल से सम्मानित किया।
मीणा की बहादुरी का किस्सा बताते हुए राजनाथ ने कहा कि 5 अगस्त 2014 को उधमपुर स्थित नरसू नाला के पास बीएसएफ के जवानों को ले जा रही बस पर आतंकी हमला कर दिया था। बस की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभा रहे 44 वर्षीय मीणा ने साहस और सूझबूझ दिखाते हुए गोलीबारी के बीच दो आतंकवादियों को बस में घुसने से रोक दिया और बस में सवार 30 जवानों की जान बचा ली।
इस दौरान उनके जबड़े सहित शरीर के अन्य हिस्सों में लगी गोली लगी। गोली लगने के कारण मीणा 85 प्रतिशत शारीरिक अक्षमता के शिकार हो गए, बल्कि अब वह बोल सकने में भी समर्थ नहीं है। गोधराज के साहस की कहानी सुनने के बाद विज्ञान भवन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। उन्हें इस वक्त प्रशासनिक ड्यूटी में लगाया गया है।