इंदौर। भारत और पाकिस्तान कई मामलों में एक से हैं, राजनीति, कट्टरवाद और धर्मनिरपेक्षता के बाद अब राजनीतिक विरासत में भी यही होने जा रहा है. भारत में कांग्रेस के युवराज यानी राहुल गांधी बुरी तरह फ्लॉप रहे. वे एक तरह से नाकाबिल हो चुके हैं. वही पाकिस्तान में नवाज शरीफ के बेटे हुसैन और हसन भी राहुल की तरह ही अनिच्छा से राजनीति में आये और फ्लॉप रहे. देश जिस तरह से खासकर कांग्रेसी प्रियंका गांधी का नारा लगाते हैं वैसे ही पाकिस्तान में मरियम का नाम गूंज रहा है. नवाज शरीफ की बेटी मरियम तेज़ी से चर्चाओं में हैं. वे मीडिया और सोशल मीडिया में बने रहने के गुर जानती हैं. जबकि प्रियंका गांधी ने ऐसी कोई काबिलियत नहीं दिखाई. वे सिर्फ सुंदर चेहरा दिखाकर चर्चा में रहती है. अब बात मरियम की सोशल मीडिया पर विवादित ट्वीट्स हों या सत्तारूढ़ मुस्लिम लीग के समर्थन में दिया गया बयान, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की बेटी मरियम नवाज़ ख़बरों में बने रहना जानती हैं. वे सियासत में पूरी ताकत से उतर रही हैं. खबर है कि अगले साल होने वाले आम चुनाव में मरियम भाग ले सकती हैं और केवल यही नहीं, कहा तो यहां तक जा रहा है कि वह प्रधानमंत्री बनने की इच्छा भी रखती हैं. हालांकि अभी तक नवाज़ परिवार के महत्वपूर्ण निर्णय हमेशा पुरुष ही करते आए हैं.'जीत हुई तो बस मरियम नवाज़ शरीफ़ की!' नवाज़, परिवार पर भ्रष्टाचार के आरोपों की विस्तृत जांच होगी। मरियम नवाज़ होशियार हैं और आम लोगों के बीच बहुत सलीके से पेश आती हैं.मरियम नवाज़ के करीब समझे जाने वाले राजनेता और सिंध प्रांत के मौजूदा गवर्नर मोहम्मद ज़ुबैर का कहना है, '2018 में मरियम बहुत प्रभावी और अहम भूमिका निभाने वाली हैं. वो चुनावी मुहिम की रणनीति भी बनाएंगी और साथ-साथ सड़कों पर मतदाताओं के बीच भी नजर आएंगी.' उन्होंने आगे कहा, 'अगर उन्होंने चुनाव में भाग लिया......मुझे लगता है कि वो हिस्सा लेंगी, तो विपक्ष को भी आम जनता के बीच मरियम नवाज़ की लोकप्रियता का अंदाजा हो जाएगा.गवर्नर मोहम्मद ज़ुबैर के मुताबिक, "वो मुस्लिम लीग की लीडर हैं और मैं यह नहीं कहता कि वो पार्टी प्रमुख हैं, लेकिन वो पार्टी की सदस्य तो हैं ही, इसीलिए उन्हें आलोचना का शिकार बनाया जाता है.