नई दिल्ली। अमरनाथ यात्रा को लेकर गृह मंत्रालय ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि लोग बेफिक्र होकर दर्शन करने जाएं। इस धार्मिक यात्रा के लिए इस बार एहतियातन करीब 37 हजार सैनिक तैनात होंगे। श्री अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं और भंडारे वालों की सुरक्षा मुहैया कराने का आश्वासन श्री अमरनाथ बफार्नी लंगर आर्गनाइजेशन (एसएबीएलओ) को दिया है, लेकिन हिंसा की आग में झुलस रहे कश्मीर के हालातों को देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार यात्रियों की संख्या में गिरावट आ सकती है। इस बार बाबा बफार्नी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के लिए यात्रा 29 जून से शुरू की जाएगी और यह 7 अगस्त 2017 श्रावण पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगी। यात्रा के लिए 1 मार्च से रजिस्ट्रेशन शुरू किए गए थे।
बुरहान की मौत की बरसी पर हिंसा का अंदेशा
अमरनाथ में आतंकी रोढ़ा लगा सकते हैं। एहतियातन खुफिया एजेंसियां और सेना अलर्ट पर हैं। इसका मुख्य कारण हिजबुल मुजाहिद्दीन के पोस्टर ब्वॉय रहे आतंकी बुरहान वानी की पहली बरसी यात्रा के दौरान ही पड़ेगी। गौरतलब है कि सुरक्षा बलों ने 8 जुलाई 2016 को बुरहान वानी को ढेर कर दिया था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस समय जम्मू-कश्मीर में 150 से ज्यादा आतंकवादी मौजूद हैं।
यात्रा के लिए जरूरी मेडिकल सर्टिफिकेट
इस धार्मिक यात्रा के लिए अमरनाथ श्राइन बोर्ड की ओर से स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों की टीम ही प्रमाणपत्र जारी करेंगी। बिना मेडिकल सर्टिफिकेट के किसी भी श्रद्धालु का पंजीकरण नहीं किया जाएगा। नियमों के मुताबिक 13 साल से कम और 75 से ज्यादा उम्र के लोग इस यात्रा में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए देशभर में पंजाब नेशनल बैंक की 307, जम्मू-कश्मीर बैंक की 87 और यस बैंक की 40 शाखाओं में रजिस्ट्रेशन होगा। रजिस्ट्रेशन फॉर्म बैंको में उपलब्ध होगा।