नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने दोहराया कि उसके द्वारा इस्तेमाल की जा रही इलेक्ट्रोनिक वोंटिग मशीनें (ईवीएम) पूरी तरह सुरक्षित हैं और उनमें किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। इसके लिए EC ने 3 जून की तारीख निश्चित की है, हर राजनीतिक दल को हैकिंग के लिए चार घंटे का वक्त दिया जाएगा। चुनौती के लिए राजनीतिक प्रतिनिधि पांच राज्यों की चार EVM को चुन सकते हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने ईवीएम में छेड़छाड़ को लेकर उठे विवाद के मद्देनजर आज संवाददाता सम्मेलन में स्पष्ट किया कि ये मशीनें पूरी तरह से विश्वसनीय और भरोसे की है तथा इनका इस्तेमाल किसी के पक्ष में या खिलाफ नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा 'हमारी मशीनों में कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती और न ही उनके उपकरण बिना किसी की जानकारी में आए बदले जा सकते हैं।" उन्होंने कहा कि इन मशीनों को बनाते समय भी छेड़छाड़ करना संभव नहीं है। इनका डॉटा किसी भी तरह से बदला नहीं जा सकता है।
29 मई के बाद दी जा सकती है चुनौती
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने बीती 12 मई को इस मुद्दे पर बुलाई सर्वदलीय बैठक के बाद ईवीएम में गड़बड़ी किए जा सकने के दावे को सही साबित करने की चुनौती देने की घोषणा की थी। आयोग के एक सीनियर ऑफिसर ने बताया कि राजनीतिक दलों को 29 मई के बाद जून के पहले हफ्ते में कभी भी ईवीएम में गड़बड़ी करने की चुनौती दी जा सकती है।
आप ने दिया था 'हैकाथन' पर जोर दिया
चुनाव आयोग के अधिकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले वीवीपैट वाले ईवीएम से वोटिंग कराने की तैयारी करने का आदेश दिया था। इस आदेश के पालन को सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने लोकसभा चुनाव से पहले ही इस साल के अंत में होने वाले गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी वीवीपैट युक्त ईवीएम से चुनाव कराने की तैयारी कर ली है।
ईवीएम गड़बड़ी का दावा करने वालों को मिलेगा मौका
इसके लिये आयोग शनिवार को आयोजित प्रेस कॉन्फेंस में खुली चुनौती की तारीख की घोषणा करेगा। अधिकारी ने बताया कि आयोग द्वारा सभी सात राष्ट्रीय दल और 48 राज्य स्तरीय दलों को खुली चुनौती में हिस्सा लेने के लिये बुलाया जाएगा। इसके लिये आयोग चुनौती में शामिल होने के इच्छुक दल को हाल ही में सम्पन्न हुये पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के किसी भी मतदान केन्द्र की मशीन के साथ छेड़छाड़ करने का विकल्प चुनने के लिये एक सप्ताह का समय देगा। चुनौती स्वीकार करने वाले हर राजनीतिक दल को मशीन में गड़बड़ी करने का अपना दावा सही साबित करने के लिये अलग अलग मौका दिया जाएगा।