नई दिल्ली। पाकिस्तान के पीछे चीन खड़ा है और भारत के लिए अगर ये सबसे मुश्किल सबब है तो पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी ताकत है, क्योंकि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के फैसले को जिस तरह पाकिस्तान ने बिना देर किए खारिज किया उसने नया सवाल तो ये खड़ा कर ही दिया है कि क्या आईएसजे के फैसले को ना मान कर पाकिस्तान यूएन में जाना चाहता है। यूएन में चीन के वीटो का साथ पाकिस्तान को मिल जाएगा, जैसे जैश के मुखिया मसूद अजहर पर वीटो पर चीन ने बचाया।
जाहिर है चीन के लिए पाकिस्तान मौजूदा वक्त में स्ट्रेटजिक पार्टनर के तौर पर सबसे जरूरी है और भारत चीन के लिए चुनौती है और ध्यान दें तो कश्मीर में आतंकवाद से लेकर इकोनॉमिक कॉरीडोर तक में जो भूमिका चीन पाकिस्तान के साथ खड़ा होकर निभा रहा है, उसमें जाधव मामले में भी चीन पाकिस्तान के साथ खड़ा होगा, इनकार इससे भी नहीं किया जा सकता। लेकिन जाधव मामले में पाकिस्तान का साथ देना चीन को भी कटघरे में खड़ा सकता है, क्योंकि मौजूदा वक्त में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के 15 जजों की कतार में चीन के भी जज जियू हनक्वीन भी हैं और फैसला सुनाते हुए दो बार रोनी अब्राहम ने सर्वसम्मति से दिए जा रहे फैसले का जिक्र किया।
सजा रद्द करने की भारत ने की थी मांग
अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में जाधव की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने केस की पैरवी की थी। भारत ने अपनी दलील रखते हुए मांग की थी कि जाधव की मौत की सजा को तत्काल निलंबित किया जाए। भारत ने आशंका जताई थी कि पाकिस्तान आईसीजे में सुनवाई पूरी होने से पहले जाधव को फांसी दे सकता है।
जाधव के घर मनी दिवाली
कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगाने के अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए उनके दोस्तों एवं शुभचिंतकों ने पटाखे छोड़कर जश्न मनाया। जाधव के दोस्तों ने लोअर परेल इलाके में और उनके पड़ोसियों ने पवई इलाके में स्थित जाधव के सिल्वर ओक अपार्टमेंट की इमारत के बाहर पटाखे छोड़े। इमारत के बाहर जमा हुई भीड़ ने इस दौरान ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाए। हालांकि अब जाधव का परिवार वहां अब नहीं रह रहा है, उनके घर पर ताला लगा हुआ है।
अब आगे क्या
इंटरनैशनल कोर्ट अब पाक की मिलिट्री कोर्ट की तरफ से जाधव को सुनाई गई फांसी की सजा के मैरिट्स पर सुनवाई करेगा। दलीलें पेश करने का मौका मिलने पर भारत बताएगा कि पाक कोर्ट के फैसले में कितनी खामियां हैं। पाक के पास भी एक रास्ता मौजूद है। वह इंटरनैशनल कोर्ट के फैसले के खिलाफ यू.एन. में जा सकता है। वह सिक्योरिटी काऊंसिल में अपील कर सकता।
पाक आर्मी कोर्ट ने सुनाई थी फांसी की सजा
46 वर्षीय पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को पिछले साल तीन मार्च को गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों के आरोपों में मौत की सजा सुनाई थी। भारत की अपील पर अंतरराष्ट्रीय अदालत ने फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी। पाकिस्तान ने आईसीजे में कहा कि वियना समझौते में कंसुलर संपर्क से जुड़े प्रावधान आतंकी गतिविधियों में शामिल किसी जासूस के लिए नहीं है।