नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत 15 मई को भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी कुलभूषण जाधव के मामले की सुनवायी करेगा। जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनायी है। आईसीजे ने सुनवायी के संबंधी में घोषणा की है। गौरतलब है कि अदालत ने भारत की अपील पर जाधव को मिली फांसी की सजा की तामील पर स्थगन लगा दिया था।
आईसीजे के सवाल का जवाब देने को पाक सेना तैयार
पाकिस्तानी सेना ने कहा कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की मौत की सजा को लेकर अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत के किसी भी सवाल का ‘उचित स्तर’ पर जवाब दिया जाएगा। पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जाधव (46) को ‘जासूसी’ के आरोप में मौत की सजा सुनाई है। सेना के प्रवक्ता जनरल आसिफ गफूर ने मीडिया से कहा कि जाधव को ‘कानून की उचित प्रक्रिया’ के बाद सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। उन्होंने कहा, ‘अगर आईसीजे जाधव के बारे में पाकिस्तान से कोई आग्रह करता है तो पाकिस्तान सरकार उचित स्तर पर इसका जवाब देगी।’ सेना की ओर से यह बयान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात के बाद आया है।
अप्रैल महीने में सुनाई गई मौत की सजा
जाधव को अप्रैल महीने में मौत की सजा सुनाई गई थी। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ आईसीजे का रुख करते हुए आरोप लगाया था कि पाकिस्तान ने जाधव मामले में विएना संधि का उल्लंघन किया है। भारत ने आईसीजे में अपनी अपील में आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने राजनयिक संबंधों पर विएना संधि का ‘घोर’ उल्लंघन किया है और उसने कहा कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया था जहां वह भारतीय नौसेना से सेवानिवृत होने के बाद व्यापार कर रहा था लेकिन पाकिस्तान ने उसे तीन मार्च 2016 को बलूचिस्तान से गिरफ्तार करने का दावा किया।
भारत सरकार की चेतावनी
जाधव की सजा पर भारत में तीखी प्रतिक्रिया दी गई। भारत ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि अगर ‘पहले से नियोजित हत्या’ की गई तो द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान होगा और उसके परिणाम भुगतने होंगे। अपनी अर्जी में भारत ने आईसीजे को यह भी बताया कि उसे एक प्रेस विज्ञप्ति से जाधव की मौत की सजा के बारे में पता चला। जाधव को ‘जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों’ के लिए मौत की सजा सुनाई गई। भारत ने यह स्वीकार किया है कि जाधव नौसेना अधिकारी रहा है लेकिन सरकार के साथ उसके किसी भी तरह के संबंध को खारिज कर दिया। भारत ने कहा कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया।