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अब 'डोभाल फॉर्मूले' से कश्मीर में ऐसे आएगी शांति

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 8 2017 10:21AM | Updated Date: May 9 2017 9:56AM
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जम्मू। जम्मू-कश्मीर सरकार ने अमरनाथ यात्रा से पहले कश्मीर में अमन बहाल करने की केंद्र की योजना पर अमल शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की मंत्रणा के बाद तय किए फॉर्मूले के तहत अलगाववादियों को अलग-थलग कर आतंकियों के सफाए की रणनीति बनाई गई है। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ के बीच इस फॉर्मूले पर विस्तृत चर्चा हो चुकी है। 

फॉर्मूले के तहत राज्य सरकार को पुलिस और प्रशासन में मौजूद उपद्रवियों के संरक्षकों पर भी सख्त कार्रवाई करना है। महबूबा ने अलगाववादियों और उपद्रवियों के हमदर्द अफसरों पर कार्रवाई का भरोसा केंद्र को दिया है। नए फार्मूले के आधार पर ही रियासत और केंद्र सरकार कश्मीर में जल्द स्थिति सामान्य हो जाने का दावा कर रही है। 

बौखलाए पाक ने कराची-मुंबई हवाई यात्रा पर लगाई रोक
भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में आई खटास का असर सामने दिखने लगा है। कराची से मुंबई आने वाली फ्लाइट्स की आवाजाही को पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस सोमवार से बंद कर रही है। इससे पहले आवाजाही की रोक के लिए 15 मई की तारीख रखी गई थी। बताया जा रहा है कि इस रूट पर वीजा न मिलने की वजह से यात्रियों की संख्या लगातार घटती जा रही है। 

पत्थरबाजी के लिए उकसाने वालों पर होगी बड़ी कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक पत्थरबाजी के लिए उकसाने वाले तत्वों पर भी कार्रवाई की रणनीति पर अमल शुरू किया गया है। रणनीति के तहत अफवाहों पर रोक के लिए सोशल मीडिया पर कारगर नियंत्रण किया जा रहा है। अलगाववादियों और पत्थरबाजों की फंडिंग के सभी रास्ते बंद किए जाना तय हुआ है। इस दिशा में कुछ सफलता भी मिली है। 
 
नहीं बचेंगे बड़े पत्थरबाज
सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक रणनीति के तहत अलगाववादियों को छेड़े बगैर उन्हें अलग-थलग किया जाना है। पहले पत्थरबाजों की रिहाई में तेजी आई थी, लेकिन नई रणनीति के तहत पेशेवर पत्थरबाजों को कैद किया जा रहा है। सुरक्षा बलों के खिलाफ छात्र-छात्राओं के गुस्से को शांत करने के लिए संयम का रास्ता चुना गया है।
 
सेना-बीएसएफ को छूट 
केंद्र को अहसास है कि कश्मीर में आतंकियों और उपद्रवियों की घेराबंदी के बाद एलओसी और बॉर्डर से आतंकियों की घुसपैठ तेज हो सकती हैं। सीजफायर का उल्लंघन बढ़ सकता है। इस स्थिति से निपटने के लिए सेना और बीएसएफ को खुली छूट दी गई है। साथ ही घाटी में आतंकियों के ठिकाने ध्वस्त करने का अभियान भी चलता रहेगा। 
 
घाटी में इस तरह किए जाएंगे हालात सामान्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात में महबूबा ने उन्हें कुछ सियासी शख्सियतों की चालों से भी अवगत कराया था। बैठक में अलगाववादियों और पत्थरबाजों की फंडिंग के सभी रास्तों को बंद करना तय हुआ। सूत्रों के मुताबिक रणनीति के तहत अलगाववादियों को छेड़े बगैर ही उन्हें अलग-थलग किया जाएगा।
 
पत्थरबाजों पर नियंत्रण करने के लिए पेशेवर पत्थरबाजों को कैद किया जा रहा है। इसके अलावा छात्र-छात्राओं के गुस्से को शांत करने के लिए संयम का रास्ता चुना गया है। उल्लेखनीय है कि केंद्र ने आतंकियों की घुसपैठ की कोशिशें तेज होती देख सेना और बीएसएफ को खुली छूट दे दी है। इस कार्रवाई में घाटी में आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त करने का अभियान भी चलाया जा सकता है।
 
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