नई दिल्ली। घूसखोरी और भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए सरकार की कोशिशें भले ही रंग लाती नजर आ रही हों लेकिन इसके बावजूद कर्नाटक देश के सबसे भ्रष्ट राज्यों की लिस्ट में सबसे ऊपर है। यह दावा एक एनजीओ के जरिए कराए गए एक सर्वे में किया गया है।
हिमाचल , केरल और छत्तीसगढ़ में कम भ्रष्टाचार
कर्नाटक के बाद आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और पंजाब का नंबर सबसे ज्यादा भ्रष्ट राज्यों की सूची में है। वहीं हिमाचल प्रदेश, केरल और छत्तीसगढ़ सबसे कम भ्रष्ट राज्यों की सूची में हैं। यह सर्वे सेंट्रल फॉर मीडिया स्टडीज की ओर से कराया गया है। इस सर्वे में 20 राज्यों के शहरी और ग्रामीण इलाके के 3,000 लोगों की राय ली गई है।
देश में कम हुआ भ्रष्टाचार
इससे पहले भी इस तरह का सर्वे हो चुका है। वर्ष 2005 में हुई एक स्टडी के दौरान 53 फीसदी लोगों ने घूस देने की बात स्वीकार की थी। हालांकि देश में अब भ्रष्टाचार का स्तर घट रहा है। 2016 में देश में 31% लोगों को विभिन्न कामों के लिए रिश्वत देनी पड़ी। रिश्वत की रकम
10 रुपए से लेकर 50,000 रुपए तक रही।
यह रिश्वत स्कूल, अदालत, बैंक या अन्य कामों के लिए देनी पड़ी। इसकी तुलना में साल 2005 में करीब 53% लोगों को रिश्वत देनी पड़ती थी। इस तरह से साफ है कि रिश्वत के मामले में 22% की कमी आई। यह रिपोर्ट देश के 20 राज्यों में किए गए सर्वे के आधार पर रिलीज की गई है। रिपोर्ट में भ्रष्टाचार को लेकर लोगों की सोच और अनुभव को आधार बनाया गया है। 56% लोगों का मानना है कि नोटबंदी के बाद देश में भ्रष्टाचार के स्तर में कमी आई है।
अदालतें और पुलिस बिना पैसे लिए नहीं करतीं काम
रिपोर्ट के मुताबिक लोगों का मानना है कि अदालतों और पुलिस में बिना पैसे दिए काम कराना बहुत मुश्किल होता है। घूस नहीं देने पर 3.5% लोगों को अदालत से मनचाही तारीख या आदेश की कॉपी नहीं हासिल हो सकी। घूस न देने पर 1.8% लोगों की पुलिस ने एफआईआर तक नहीं लिखी।