नई दिल्ली। ईसाई धर्म में ईसा मसीह का बहुत महत्व है। कहा जाता है कि इन्होंने अपने भक्तों के लिए बिना किसी स्वार्थ के बलिदान देकर एक उदारहण प्रस्तुत किया। धर्म ग्रंथ बाइबिल के अनुसार इस दिन इसाई धर्म के प्रवर्तक ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया और उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए। उस दिन शुक्रवार था। यही कारण है कि इस दिन को गुड फ्राइडे के रुप में मनाया जाता है।
करीब दो हजार साल पहले रोम के गैलिलि प्रांत के रहने वाले ईसा लोगों को सूबे में भाईचारा, एकता, मानवता और शांति का उपदेश देते थे। ईसा खुद को ईश्वर का पुत्र कहते थे। ईसा धर्मगुरुओं को मानव जाति का शत्रु बताते थे।
यह बात वहां रहने वाले धर्मगुरुओं को पसंद नहीं आ रही थी। कई दिनों ये चलता रहा। कुछ ही दिनों के बाद धर्मगुरुओं ने रोम के शासक के कान भरने शुरु कर दिए। धर्मगुरुओं ने ईसा को ईश्वर पुत्र बताने को भारी पाप बताया। यह सब बाते सुनकर वहां के शासक ने ईसा को क्रूस पर लटकाने का आदेश दे दिया।
बाइबिल के अनुसार अपने प्राण त्यागते हुए जोर से कहा कहा कि हे पिता, मैं अपनी आत्मा को तेरे हाथों सौंपता हूं, ये कहने के साथ ही उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए। बाइबिल के अनुसार सूली पर लटकाए जाने के आखिरी तीन घंटों के दौरान पूरे देश में अंधेरा छाया रहा। एक चीख के बाद ईसी ने अपने प्राण ने त्याग दिए। उसी वक्त सारे देश में भूकंप आ गया।