नई दिल्ली। 'तीन तलाक' पर देश में जारी बहस के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मंगलवार को बड़ा बयान दिया है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बोर्ड के उपाध्यक्ष डॉ. सईद सादिक ने कहा कि तीन तलाक के मामले में सरकार दखल न दे, हम इसे खुद 18 महीने के भीतर खत्म कर देंगे।
सादिक ने कहा कि तीन तलाक महिलाओं के पक्ष में गलत है, लेकिन यह समुदाय का निजी मसला है और वे खुद इसे सुलझा लेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार इसमें हस्तक्षेप न करें। बीफ खाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि धार्मिक पुस्तकों में बीफ खाने की सलाह नहीं दी गई है और मुसलमानों को यह नहीं खाना चाहिए।
बता दें कि, हाल ही में पर्सनल लॉ बोर्ड ने दावा किया था कि उसे शरीयत और तीन तलाक के समर्थन में मुस्लिम महिलाओं के करीब साढ़े तीन करोड़ फॉर्म्स मिले हैं। जिसके बाद ही अब बोर्ड ये कदम उठाने के लिए तैयार हो गया है।
हालांकि, इस मुद्दे पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जैसे मुस्लिम संगठनों ने जमकर अपना विरोध दर्ज कराया है। बोर्ड के मुताबिक ये परंपराएं उनके पवित्र धर्म ग्रंथ कुरान से आई हैं जिस वजह से इसमें कोर्ट दखल नहीं दे सकती क्योंकि ये परंपराएं न्याय प्रणाली के दायरे में नहीं आतीं।
11 मई से सुप्रीम कोर्ट तीन तलाक, निकाह हलाला और बहुविवाह जैसी मुस्लिम परंपराओं को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा।
हाल ही में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी सलमा अंसारी ने भी तीन तलाक के विरोध में आवाज उठाई थी। उन्होंने कहा था कि केवल तीन बार तलाक बोल देने से तलाक नहीं हो जाता है। सलमा ने कहा था, यदि आपने कुरान पढ़ी है तो आपको पता चलेगा कि समाधान उसके अंदर ही है। कुरान में ऐसा कोई नियम नहीं है।