पणजी। केंद्रीय महिला एंव बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने लड़िकयों और महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ और अपराध की घटनाओं के लिए बॉलीवुड और प्रादेशिक फिल्मों को जिम्मेदार ठहराया है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि, ‘सभी फिल्मों में रोमांस की शुरुआत छेड़खानी से होती है, चाहे वह हिंदी फिल्म हो या फिर क्षेत्रीय।
मेनका गांधी ने कहा- फिल्मों में रोमांस की शुरुआत ही छेड़छाड़ के साथ शुरू होती है। लड़का और उसके दोस्त लड़की के इर्द-गिर्द घुमते हैं। उसके साथ आते-जाते हैं, उन्हें गाली देते हैं, वह उसे छूता है और आखिरकार लड़की उसके प्यार में पड़ जाती है। उन्होंने कहा कि इन सारी चीजों को करने के लिए पुरुष फिल्में देखकर प्रेरणा लेते हैं।
गोवा फेस्ट 2017 में मेनका गांधी ने फिल्मकारों और विज्ञान बनाने वालों से अपील की कि वे महिलाओं की अच्छी छवि को दिखाएं। मेनका गांधी के इस बयान पर सोशल मीडिया पर काफी संख्या में लोगों के रिएक्शन आ रहे हैं। कुछ लोग केंद्रीय मंत्री के इस बयान को बेतुका बता रहे हैं तो कोई तंज कसते हुए देश में फिल्मों को बैन करने की बातें कर रहा है।
सोशल मीडिया पर लोगों ने किए ट्वीट
ट्विटर यूजर @rajrohit26 ने ट्वीट किया है- चलो अब फिल्म बैन कर दो।
ट्विटर यूजर @SuhasRamnath ने ट्वीट किया है- कपड़ों के बाद फिल्म को जिम्मेदार ठहराकर पाखंड है।
ट्विटर यूजर @mazii1000 ने ट्वीट किया है- बैन कर दो सब फिल्म, बैन टीवी, बैन मीडिया।
ट्विटर यूजर @saw1_6 ने ट्वीट किया है- तो फिल्म निर्माण बैन कर दो।