नई दिल्ली। एयर इंडिया के कर्मचारी को चप्पल से मारने के बाद हवाई यात्रा को प्रतिबंध झेल रहे शिवसेना सांसद रविंद्र गायकवाड़ गुरुवार को चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली पहुंचे। इससे पहले भी वे ट्रेन और कार से दिल्ली आ चुके हैं। यहां उन्होंने पहले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की जिसके बाद संसद का कार्रवाई में हिस्सा लेने पहुंचे।
गायकवाड़ ने संसद में अपना पक्ष रखा। उनके पक्ष रखने के बाद केंद्रीय विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने अपना बयान दिया जिसके बाद शिवसेना सांसद भड़क गए और नारेबाजी करने लगे। इस बीच, शिवसेना के सांसदों ने उड्यन मंत्री गजपति राजू के खिलाफ भी नारेबाजी की। सदन की कार्यवाही खत्म होते ही मामला धक्का-मुक्की तक पहुंच गया।
नौबत यहां तक आ गई कि अनंत गीते अशोक गजपति राजू से बहस में उलझ गए और मामला गर्माता देख गृहमंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बीच-बचाव किया। हंगमे के बाद स्पीकर सुमित्रा महाजन ने बैठक बुलाई।
चार बार कैंसल हुआ टिकट
एअर इंडिया के कर्मचारी को चप्पल से पीटने के बाद फेडरेशन ऑफ इंडियन एयरलाइंस की ओर से उनकी हवाई यात्रा पर रोक लगाई गई थी। इसके कारण ही रविंद्र गायकवाड़ की चार से ज्यादा बार हवाई टिकट कैंसिल हो चुकी है।
संसद में करेंगे हंगामा
गायकवाड़ की विमान यात्रा के प्रतिबंध पर शिवसेना सांसद आनंदराव अदसुल ने बुधवार को कहा कि अगर पार्टी के सांसद रवींद्र गायकवाड़ पर हवाई यात्रा करने पर लगी रोक के मुद्दे का समाधान सरकार ने नहीं किया, तो शिवसेना संसद में हंगामा करेगी।
अदसुल ने कहा- हमने नागरिक उड्डयन मंत्री से मुलाकात की थी, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। अगर हमें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो हंगामा करने पर विवश होना पड़ेगा। सांसद ने कहा- हम सरकार का हिस्सा हैं, इसलिए विरोध-प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं। लेकिन, अगर सरकार ने प्रतिक्रिया नहीं दी, तो हमें हंगामा करने पर विवश होना पड़ेगा।
ये था मामला?
महाराष्ट्र के उस्मानाबाद से लोकसभा सदस्य गायकवाड़ ने बीते सप्ताह एअर इंडिया के एक 60 वर्षीय ड्यूटी प्रबंधक से दुर्व्यवहार किया और उसे कई बार चप्पल से पीटा। पीटने वाली यह बात उन्होंने खुद मीडिया से कही थी, पिटाई के समय वहां मौजूद विमान परिचारिका एक वीडियो में गायकवाड़ से यह कहती सुनी जा रही है कि सर, छोड़ दीजिए, मर जाएगा..आपको सजा हो जाएगी। लेकिन, उसने दो दिन बाद कहा, "गायकवाड़ का व्यवहार अच्छा था, वह ऐसा कर ही नहीं सकते।