नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार क्या एक बार फिर बीजेपी में शामिल होंगे? चुनावों में मिली बड़ी जीत के बाद से ही नीतीश कुमार बीजेपी के करीब आ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार बीजेपी के साथ हाथ मिला सकते हैं। बताया जा रहा है कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता बीजेपी से संपर्क में हैं। नीतीश के सियासी बयान और कदम नई राजनीतिक करवट की ओर इशारा कर रही है। एक रिपोर्ट की मानें तो नीतीश की बीजेपी नेताओं के साथ नजदीकियां लगातार बढ़ रही हैं।
नोटबंदी का किया था समर्थन
लालू प्रसाद यादव की आरजेडी के साथ लगातार चल रहे जेडीयू के मतभेदों की खबरों के बीच ये खबर बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है। नीतीश कुमार का भगवा पार्टी में आनी की खबरें सिर्फ हवाई नहीं है, नोटबंदी इसका सबूत है। एक तरफ जहां सभी विपक्षी पार्टियां नोटबंदी पर पीएम नरेंद्र मोदी पर हमलावर थे, वहीं नीतीश कुमार ने खुलकर इस फैसले का समर्थन किया था।
डिनर पार्टी में बीजेपी को बुलावा
बीजेपी-जेडीयू की करीबी का एहसास उस वक्त और बढ़ गया जब पटना में नीतीश की डिनर पार्टी में बीजेपी के टॉप नेताओं को भी बुलाया गया। नीतीश ने इस करीबियत का सबूत उस वक्त भी दिया जब उन्होंने यूपी में प्रचंड जीत पर बीजेपी को बधाई दी। नीतीश ने बधाई देते हुए कहा कि गरीबों ने बीजेपी को वोट दिया। उन्होंने कांग्रेस की इस बात पर भी आलोचना करते हुए नसीहत दी कि उसे नोटबंदी की इस कदर आलोचना नहीं करनी चाहिए।
17 साल रहे साथ
बता दें कि जेडीयू करीब 17 साल तक बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए का हिस्सा थी। 2013 में नरेंद्र मोदी का नाम पीएम उम्मीदवार के तौर पर तय किए जाने को लेकर जेडीयू-बीजेपी में मतभेद गहरा गए थे। परिणाम ये हुआ कि जेडीयू ने बीजेपी से अलग होने का फैसला कर लिया।
लालू का थामा हाथ
बीजेपी से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने 2015 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से हाथ मिलाकर कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाने का ऐलान कर दिया। नीतीश कुमार का यह फैसला साबित निर्णायक साबित हुआ और बिहार चुनाव में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा।