नई दिल्ली। साल 2017 के मॉनसून को लेकर पहला अनुमान सामने आया है। मौसम संबंधी जानकारी उपलब्ध कराने वाली वेबसाइट स्कायमेट के अनुसार ने इस बार कमजोर मॉनसून का अनुमान जताया है। इस बार मॉनसून में औसत 95 फीसदी ही बारिश का अनुमान है। हालांकि, अनुमान में 5% कम या ज्यादा का अंतर हो सकता है।
स्काईमेट का यह अनुमान भारत के लिए चिंता का विषय है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत में होने वाली 70 फीसदी बारिश जून से सितंबर के दौरान होती है। देश के किसानों के लिए यह संकेत खतरनाक है, क्योंकि खरीफ की फसल की बुआई इसी बारिश के भरोसे होती है।
रिपोर्ट में तर्क दिया है कि जुलाई के बाद अल- नीनो का असर मॉनसून पर हावी होगा और इसका असर सीधे बारिश पर पड़ेगा। हालांकि भारतीय मौसम विभाग ने अभी तक कोई संकेत नहीं दिया है। बता दें कि मार्च में ही तापमान तेजी से बढ़ा है।
गौरतलब है कि देश में जून से सितंबर तक होने वाली बारिश प्रमुख खरीफ फसल के लिए अहम है। भारत में 60 फीसदी से अधिक लोग कृषि पर निर्भर हैं और देश के अधिकांश भाग में खरीफ फसल पूरी तरह से दक्षिण-पश्चिम मानसून पर निर्भर है।
'एल नीन्यो' का भी खतरा
स्काईमेट ने अपने अनुमान में 'एल नीन्यो' के खतरे की भी आशंका जताई है। स्काईमेट के मुताबिक मॉनसून के सेकंड हाफ में 'एल नीन्यो' की 60 फीसदी आशंका जताई गई है। इसकी वजह से मॉनसून के लंबी अवधि के 3 महीनों यानी जुलाई, अगस्त और सितंबर में कम बारिश का अनुमान जताया गया है।