नई दिल्ली। चुनाव में मिली जबर्रदस्त जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार अपने 30वें संस्करण मन की बात में देश की जनता को संबोधित किया। देश के विभिन्न राज्यों में बोर्ड की परीक्षा चल रही है। पीएम ने इसको लेकर बच्चों को शुभकांमनाएं दी। मोदी ने पड़ोसी देश बांग्लादेश को आजादी की शुभकामनाएं दी और कहा कि दोनों देश अच्छे मित्र हैं। प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि दी।
पीएम मोदी ने कहा- इन तीनों युवकों से ब्रिटिश सरकार डरती थी। ये सेनानी देश के लिए जिए और देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। पीएम मोदी ने साथ ही कहा- देश के युवाओं से अनुरोध है जब भी समय मिले भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की समाधि पर जरूर जाएं। बता दें कि 23 मार्च, 1931 को इन स्वतंत्रता सेनानियों को अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी दे दी थी।
पीएम मोदी ने इसके साथ ही महात्म गांधी को भी याद करते हुए कहा- हम चंपारण सत्याग्रह की 100वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं। 1917 में भारत लौटने पर महात्म गांधी चंपारण गए थे। वहां से सत्याग्रह की प्रेरणा मिली। यह चंपारण सत्याग्रह का शताब्दी वर्ष है। भारत की आजादी के आंदोलन में गांधी विचारशैली का प्रकट रूप पहली बार चंपारण में नजर आया। पीएम मोदी ने कहा- सार्वजनिक जीवन की शुरुआत कैसे की जा सकती है, खुद कितना परिश्रम करना होता है यह हम गांधीजी से सीख सकते हैं।
पीएम मोदी ने न्यू इंडिया पर बात करते हुए कहा कि लेकिन अगर 125 करोड़ देशवासी संकल्प कर ले तो यह नामुमकिन नहीं है। अगर हर नागरिक संकल्प करे कि मैं सप्ताह में एक दिन पेट्रोल डीजल का उपयोग नहीं करूंगा तो न्यू इंडिया का सपना पूरा होगा। इसके बाद पीएम ने खाने की बर्बादी पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि शादी ब्याह में लोग प्लेट में खाने की चीजें भर लेते हैं, लेकिन खाते नहीं है। बाद में वह बर्बाद चला जाता है। पीएम ने कहा कि जरा सोचिए उस खाने से कितने गरीबों का पेट भरा जा सकता है।
पढ़िए- मन की बात की कुछ खास बातें
1. पीएम मोदी ने बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवस पर उन्हें मुबारकबाद दी। मोदी ने कहा कि भारत बांग्लादेश को कंधे से कंधे मिलाकर काम करता रहेगा।
2. जलियांवाला बाग कांड ने भगत सिंह को हिलाकर रख दिया था। आप जब भी पंजाब जाएं तो इन शहीदों के घरों को जरूर देखें।
3. 10 अप्रैल, 1917 को महात्मा गांधी ने चंपारण सत्याग्रह शुरू किया था। गाँधी ने एक सिक्के के दो पहलू बना दिए थे, एक सिक्के का एक पहलू संघर्ष, तो दूसरा पहलू सृजन। एक बड़ा अद्भुत बैलेंस गांधी की कार्य-शैली में था। यह चंपारण सत्याग्रह का शताब्दी वर्ष है।असहयोग क्या होता है, असहमति क्या होती है, गांधी जी ने यह लोगों को दिखाया। गांधी जी ने राजेंद्र प्रसाद सहित अन्य नेताओं को गांव भेजा था, ताकि लोगों से जुड़ा जा सके।
4. आज भी कई लोग रोज अस्पताल जाते हैं, लोगों की मदद करते हैं, रक्तदान करते हैं। कोई भूखा है तो उसके भोजन की व्यवस्था करते हैं। उन्होंने कहा कि जनसेवा ही प्रभु सेवा है।
5. न्यू इंडिया की आलोचना होना जाहिर है, लेकिन अगर 125 करोड़ देशवासी संकल्प कर ले तो यह नामुमकिन नहीं है। अगर हर नागरिक संकल्प करे कि मैं सप्ताह में एक दिन पेट्रोल डीजल का उपयोग नहीं करूंगा तो न्यू इंडिया का सपना पूरा होगा।
6. मोदी ने कहा डेढ़ करोड़ लोगों ने भीम ऐप को डाउनलोड किया। डिजिटल उपयोग का बढ़ावा देने की जरूरत।
7. कालेधन की लड़ाई को हमें आगे बढ़ाना है। हमारा सपना ढाई हजार करोड़ के डिजिटल पेमेंट्स का है। हम चाहे रेलवे टिकट बुक करें या हवाई जहाज की, सब डिजिटल पेमेंट से करें।
8. सवा-सौ करोड़ देशवासियों के मन में गंदगी के प्रति गुस्सा पैदा हो। खाने की बर्बादी न की जाए। प्लेट में उतना ही खाना लें जितना खा सके।
9. पीएम ने कहा कि देहरादून की गायत्री ने साफ-सफाई पर मैसेज भेजा है कि लोगों को स्वच्छता के बारे में बताना होगा। हमें उससे सीकना चाहिए।
10. अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस है। इस बार संयुक्त राष्ट्र ने विश्व स्वास्थ्य दिवस पर डिप्रेशन विषय पर फोकस किया है। मैं देशवासियों से कहना चाहूंगा कि ऐसा नहीं है कि डिप्रेशन से मुक्ति नहीं मिल सकती है। डिप्रेशन में सप्रेशन की जगह एक्सप्रेशन जरूरी है। अपने साथियों के बीच, परिवार, टीचर के बीच खुल कर के कहिए आपको क्या हो रहा है। दुनिया में 35 करोड़ लोग डिप्रेशन में हैं।