पसायत ने कहा कि नोटबंदी की घोषणा के बाद टैक्स अधिकारियों ने अब तक करीब 6000 करोड़ रुपए इकट्ठे किए हैं। नोटबंदी की घोषणा के बाद टैक्स अधिकारियों ने उन लोगों से ब्यौरा मांगा था जिन्होंने एक मुश्त पैसा अपने और दूसरों के अकाउंट में जमा कराया था। कई लोग सजा से बचने के लिए अघोषित आय पर 60 फीसदी पेनेल्टी टैक्स देने को तैयार हो गए, जिसे अब बढाकर 75 फीसदी कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि 50 लाख रुपये जमा कराने वाले 1092 लोगों ने नोटिस का जवाब नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि हर तरह के डिपॉजिट को जांचने में टैक्स अधिकारियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी है। पसायत ने बताया कि बड़ा अमाउंट डिपॉजिट करने वाले बिजनसमैन को पिछले तीन साल का बैलेंस शीट पेश करने के निर्देश दिये गए हैं। उनसे साथ ही हर साल के आईटीआर का ब्यौरा भी मांगा गया है।
उन्होंने कहा कि ओडिशा में एक डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (डीएफओ) ने 2.5 करोड़ रुपये जमा कराए हैं। जाहिर है कि वह इस राशि का स्रोत नहीं बता सकता है, क्योंकि यह रिश्वत का पैसा है। उनका पूरा पैसा जब्त कर लिया जाएगा।