नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार को नेशनल हेल्थ पॉलिसी को अंतिम मंजूरी दे दी है। मौजूदा ड्राफ्ट में पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देश पर कुछ बदलाव किये गये हैं। कैबिनेट ने बुधवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति को मंजूरी दे दी। नई हेल्थ पॉलिसी के तहत हर किसी को सरकारी इलाज की सुविधा मिलेगी और मरीज को इलाज के लिए मना नहीं किया जा सकेगा।
क्या है नेशनल हेल्थ पॉलिसी
नेशनल हेल्थ पॉलिसी के अंतर्गत कोई भी हॉस्पिटल किसी भी तरह के इलाज के लिए मरीजों को मना नहीं करेगा। इसमें प्राइवेट सेक्टर के हॉस्पिटल भी मौजूद हैं। नेशनल हेल्थ पॉलिसी में लोगों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस और उस पर हेल्थ टैक्स लगाने का भी प्रावधान है। वहीं गरीबी रेखा से नीचे आने वाले लोगों का इलाज भी पहले से बेहतर ढंग और मुफ्त में किए जाने का प्रावधान है। पॉलिसी के तहत टेस्ट, मेडिसिन और ट्रीटमेंट तीनों चीजें शामिल हैं। दरअसल, नए हॉस्पिटल्स को बनाने में आने वाले खर्च को लोगों के इलाज में इस्तेमाल करने का प्लान इस पॉलिसी में है। देशभर में 80% डॉक्टर्स और 60% हॉस्पिटल्स प्राइवेट सेक्टर के हैं जो लोगों का इलाज कर रहे हैं. अभी तक प्राइवेट हॉस्पिटल या डॉक्टर्स को मरीज अपनी जेब से ही भुगतान करता था लेकिन अब ये भार उसकी जेब से कम होगा।
नेशनल हेल्थ पॉलिसी की अहम बातें-
इस पॉलिसी के जरिए सरकार हर किसी का फ्री में इलाज करवाने की तैयारी में है। गवर्मन्ट का टारगेट है कि देश के 80% लोगों का इलाज गवर्मन्ट अस्पातल में पूरी तरह से फ्री हो। सरकारी योजनाओं के तहत एक्सपर्ट और टॉप लेवल ट्रीटमेंट में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी को बढ़ाया जाएगा। यानि सरकार बेसिक ट्रीटमेंट को स्ट्रांग बनाएगी वहीं एक्सपर्ट ट्रीटमेंट के लिए लोग प्राइवेट या गवर्मन्ट हॉस्पिटल जा सकेंगे। हेल्थ इंश्यारेंस प्लान के तहत सरकार प्राइवेट हॉस्पिटल्स को ऐसे इलाज के लिए निश्चित पेमेंट करेगी। नेशनल हेल्थ पॉलिसी के तहत देशभर में लोगों को सस्ता इलाज मुहैया करवाया जाएगा। राज्य सरकार इसे लागू करती है या नहीं, ये पूरी तरह उस पर निर्भर करेगा।