नई दिल्ली। अप्रैल में होने वाले दिल्ली एमसीडी चुनावों को लेकर राजधानी में राजनीति गर्मा गई है। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा है कि किसी भी मौजूदा पार्षद को आने वाले चुनावों के लिए टिकट नहीं दिया जाएगा। तिवारी बोले कि वह नए चेहरों के साथ चुनाव लड़ेंगे। तिवारी ने कहा कि बीजेपी परिवारवाद के खिलाफ है, हमें पूरा विश्वास है कि दिल्ली हमारे इस निर्णय को मानेगी।
आचार संहिता लागू
राज्य चुनाव आयोग ने मंगलवार को कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कहा कि दिल्ली के तीनों नगर निगमों के चुनाव के लिए 22 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। वोटिंग सुबह 8 बजे से शाम साढ़े 5 बजे तक होगी। 27 मार्च से नामांकन शुरू हो जाएंगे। नामांकन की आखिरी तारीख 3 अप्रैल है।
25 अप्रैल को वोटों की गिनती की जाएगी। राज्य चुनाव आयोग ने साथ में यह भी स्पष्ट किया है कि वोटिंग ईवीएम के जरिए ही होगी। चुनाव आयोग की घोषणा के साथ ही राज्य में आचार संहिता भी लागू हो गई है। अभी दिल्ली के तीनों नगर निगमों एनडीएमसी, एसडीएमसी और ईडीएमसी में भाजपा का कब्जा है। एनडीएमसी और एसडीएमसी में पार्षदों की 104-104 सीटें हैं जबकि ईडीएमसी में पार्षदों की 64 सीटें हैं।
केजरीवाल बोले- बैलट से हो वोटिंग
इधर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग से मांग की है कि इस बार वह ईवीएम के बजाए बैलट पेपर वाली पुरानी व्यवस्था से एमसीडी के चुनाव करवाए। केजरीवाल ने कहा कि यह तमाम राजनीतिक पार्टियों की मांग है। इसके लिए जो भी औपचारिकताएं हैं वो पूरी की जाएं और निगम चुनाव बैलट पेपर से ही कराए जाएं। वहीं राज्य चुनाव आयोग ने केजरीवाल की इस मांग को ठुकराते हुए दो टूक कह दिया है कि मतदान तो ईवीएम से ही होगा। भाजपा के मनोज तिवारी ने केजरीवाल को करारा जवाब देते हुए कहा कि पहले केजरीवाल उस विधानसभा चुनाव को बैलट से करवाएं, जिसने पिछली बार उन्हें 70 में से 67 सीटें दी थीं।
माकन का पलटवार
भाजपा के इस फैसले पर दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि भाजपा के पार्षद रो रहे हैं, उनकी पार्टी यह खुद मान रही है कि उन्होंने कुछ काम नहीं किया है, इसलिए उनके टिकट को काटा जा रहा है। माकन ने कहा कि हमें भरोसा है कि हमारे पार्षदों ने काम किया है इसलिए हम उन्हें चुनाव में उतार रहे हैं।
114 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित
महिलाओं के लिए उत्तर एमसीडी में 42 वार्ड, दक्षिण एमसीडी में 45 वार्ड और पूर्वी एमसीडी में 27 वार्ड आरक्षित होंगे। राजधानी में कुल 1 करोड़ 32 लाख वोटर हैं। 14 हजार पोलिंग स्टेशन बनेंगे। ईवीएम मशीन पर उम्मीदवारों के फोटो भी लगे होंगे। ईवीएम मशीन की पहले चरण की जांच हो चुकी है।
कुछ ज्यादा ही शिकायत करती है कांग्रेस
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि गोवा के घटनाक्रम पर कांग्रेस की शिकायत बेवजह है क्योंकि उसने राज्य में सरकार बनाने का दावा तक पेश नहीं किया। गोवा में कांग्रेस द्वारा राज्यपाल पर लोकतंत्र की हत्या करने तथा भाजपा पर जनादेश की चोरी का आरोप लगाए जाने के बाद जेटली ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है, कांग्रेस पार्टी कुछ ज्यादा ही शिकायत करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन उसे सफलता नहीं मिली और लोकसभा में भी यह मुद्दा उठाने की कोशिश की।
उन्होंने कहा कि गोवा के राज्यपाल के पास केवल मनोहर पर्रिकर ने दावा पेश किया था और उनके पास 40 में से 21 विधायकों का समर्थन है। कांग्रेस के 17 विधायक तो जीते लेकिन उसने न तो अपने विधायक दल का कोई नेता चुना और न ही सरकार बनाने का दावा किया। ऐसे में कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए कैसे आमंत्रित किया जा सकता है।