नई दिल्ली। गोवा में एक बार फिर बीजेपी की सरकार बन गई है। मंगलवार को मनोहर पर्रिकर ने गोवा के सीएम पद की शपथ ली। राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने मनोहर परिर्कर समेत मंत्री मंडल को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। मनोहर पर्रिकर की ताजपोशी से पहले खतरे के जो बादल मंडरा रहे थे जो सुप्रीम कोर्ट के निर्देश से साफ हो गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने शपथ ग्रहण पर रोक से इनकार करते हुए 16 तारीख को फ्लोर टेस्ट का निर्देश दिया है। मनोहर पर्रिकर आज तीसरी बार गोवा के सीएम बने।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए इस मामले में उल्टे कांग्रेस से ही सवाल पूछे और कहा कि उसने याचिका में विधायकों के समर्थन का आंकड़ा क्यों नहीं दिया। कोर्ट ने पूछा कि गोवा में सरकार बनाने के लिए आप गर्वनर के पास क्यों नहीं गए? इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पर्रिकर के शपथ ग्रहण समारोह पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
यह है अब तक का घटनाक्रम
गोवा विधानसभा में कुल 40 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए 21 विधायकों का समर्थन जरूरी है। इन चुनावों में भाजपा को 13, तो उसके समर्थक दलों, एमजीपी को 03 और जीएफपी को भी 03 सीटें मिली हैं। भाजपा का दावा है कि 03 निर्दलीय भी उसके साथ हैं। इस तरह उसके पास कुल विधायकों की संख्या 22 होती है। इसी आधार पर पार्टी ने सरकार बनाने का दावा भी पेश किया है।
वहीं कांग्रेस ने 17 सीटें जीती हैं और उसके साथ एक सीट के वाली राकांपा भी है। कांग्रेस का आरोप है कि सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। कोर्ट में इसी तर्क को आधार बनाते हुए याचिका दाखिल की गई है।
भाजपा के दावे के साथ ही राज्यपाल ने मनोहर पर्रिकर को सीएम पद की शपथ लेने और उसके 15 दिन भीतर बहुमत साबित करने को कहा था। इसके बाद पर्रिकर ने रक्षा मंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया है।