25 Apr 2024, 22:49:49 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » National

फाइटर जेट सुखोई के लिए मोदी ने रखी रूस के सामने दो शर्तें

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 9 2017 2:30PM | Updated Date: Mar 9 2017 2:30PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्ली। रूस के साथ पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान सौदे के बाद अब उसके निर्माण में शर्तों की पेंच फंस गया है। इस विमान की खरीद के बाद इसके निर्माण कार्य शुरू होने के पहले ही शर्त रखते हुए रूस से मांग की गई है कि पहले वह भारत को इस विमान की तकनीक हस्तांतरण पर अपनी सहमति जता दे, उसके बाद इसके निर्माण कार्य को शुरू करे। तकनीक की मांग करते हुए भारत ने कहा है कि रूस इस लड़ाकू विमान के संयुक्त विकास और इसके उत्पादन के काम की शुरुआत तभी करेगा, जब रूस उसे तकनकी पूरी तरह हस्तांतरित करने पर अपनी सहमति जता देगा। भारत का कहना है कि सुखोई विमान की तरह फिर से कोई गलती नहीं करेगा। सुखोई विमान सौदे में रूस के साथ तकनीक पूरी तरह हस्तांतरित नहीं था।

रक्षा मंत्रालय का मानना है कि लड़ाकू विमान की तकनीक हस्तातंरित होने के बाद हमें स्वदेशी विमान तैयार करने में मदद मिलेगी। सूत्रों का कहना है कि यह फैसला शीर्ष स्तर से लिया गया है, ताकि सुखोई-30एमकेआई जेट विमानों के सौदे में हुई गलती को दोहराया न जा सके।
 
सूत्र ने बताया कि रूस के सहयोग से तैयार हो रहे 272 सुखोई विमानों में से अब तक 240 विमानों का निर्माण भारत एयरोनॉटिक्स लिमिटेड कर चुकी है। हालांकि, एचएएल इन विमानों की सिर्फ असेंबलिंग कर रहा है और इसके सभी पार्ट्स रूस से ही आयात किये गये हैं। अब भी एचएएल अपने स्तर पर सुखोई का निर्माण नहीं कर सकती।
 
पांचवीं पीढ़ी के विमानों को तैयार करने को लेकर भारत ने अपनी दो बड़ी मांगें रखी हैं। भारत ने रूस से कहा है कि इस सौदे में तकनीक के पूर्ण हस्तांतरण पर सहमति होनी चाहिए, ताकि भविष्य में भारत अपने स्तर पर ही इन विमानों की तकनीक को अपग्रेड कर सके। इसके अलावा, रूस से पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को तैयार करने के स्वदेशी परियोजना में रूस की मदद की भी मांग की गयी है।
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »