लखनऊ। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना यादव ने मंगलवार को कहा है कि नेता जी ने मुझे राजनीति में नहीं आने दिया, लेकिन हां हम बैकग्राउंड में काम करते रहे। अब मैं राजनीति में आने की इच्छा भी नहीं रखती हूं। उन्होंने आगे कहा कि मैं चाहती हूं कि मेरा बेटा प्रतीक यादव राजनीति में आए।
साधना ने कहा कि परिवार में जो कुछ हुआ उसके लिए मैं दुखी हूं लेकिन मुझ पर लगाए गए आरोपों के लिए मैं किसी को दोष नहीं देना चाहती। मैं ऐसे परिवार में पली-बढ़ी हूं जहां मेरे पिता कहा करते थे कि हमें अपने अच्छे कामों को प्रचारित नहीं करना चाहिए लेकिन अब वक्त बदल गया है।
परिवार में हुए घमासान पर साधना ने कहा कि जो भी हुआ, उसके लिए मुझे बुरा लगा। लेकिन मैं किसी को बदनाम करना नहीं चाहती। उन्होंने कहा कि मेरी परवरिश ऐसे परिवार में हुई है जहां मेरे पिता कहते थे कि अच्छे काम का प्रचार नहीं करना चाहिए, लेकिन अब समय बदल गया है।
अखिलेश यादव पर उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में जितनी बातचीत नहीं हुई, उससे ज्यादा एक जनवरी के बाद से हुई है। मैं चाहती हूं कि पार्टी फिर से चुनाव जीते और अखिलेश फिर से सीएम बनें। हालांकि साधना ने कहा कि अखिलेश ने गलत वक्त पर पार्टी तोड़ी। नेताजी का अपमान करने का हक किसी को नहीं है। उन्होंने ही पार्टी की स्थापना की और उसे आगे बढ़ाया।
शिवपाल यादव पर उन्होंने कहा कि उन्हें भी काफी बदनामी झेलनी पड़ी, जबकि उनकी कोई गलती नहीं थी। शिवपाल ने नेताजी और पार्टी के लिए बहुत काम किया है। साधना ने कहा कि मुझे नहीं पता अखिलेश को किसने गुमराह किया। वो नेताजी और मेरी काफी इज्जत करता है। साधना ने कहा कि अब हम पीछे नहीं हटेंगे, मेरा बहुत अपमान हुआ है। उन्होंने बताया कि एक बार मुख्य सचिव का ट्रांसफर हुआ था। उस वक्त कहा गया कि इसके पीछे मैं थी, लेकिन ऐसा नहीं है।