नई दिल्ली। देश में जल्द ही जनसंख्या वृद्धि पर लगाम लगने वाली हैं और लोगों के स्वास्थ्य स्तर में भी सुधार होने वाला है। केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण रिपोर्ट 2015-16 के अनुसार देश की कुल प्रजनन दर (टीआरएएफ) घटकर 2.2फीसदी पर आ गई है जबकि पहले यह 2.7 फीसदी थी यानी कि देश की प्रत्येक महिला औसतन तीन बच्चे पैदा कर रही थी जो अब दो पर सिमट रही है। यदि यह स्तर 2.1 पर आ गया तो इससे जनसंख्या बढ़ोत्तरी का खतरा खत्म हो जाएगा
क्योंकि जनसंख्या वृद्धि के लिहाज से यह स्तर रिप्लेसमेंट स्तर माना जाता है। देश की मौजूदा जनसंख्या एक अरब 28 करोड़ पर पहुंच गई है। सरकार इसे अपनी परिवार नियोजन अभियान की बड़ी कामयाबी मान रही है और उम्मीद कर रही है कि आने वाले सालों में परिवार नियोजन का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा।
केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव सीके मिश्रा ने रिपोर्ट के आंकड़ों को बेहद उत्साहजनक बताते हुए कहा है कि यह इस बात को प्रमाणित करता है कि अगर स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश बढ़ाया जाए और सही तरीके से हर योजना पर खर्च किया जाए तो उसके अच्छे परिणाम अवश्य दिखते हैं। नौ साल के अंतराल के बाद देश के स्वास्थ्य पर जारी की गई
इस रिपोर्ट में न सिर्फ परिवार नियोजन के क्षेत्र में उत्साहजनक खबर है बल्कि लिंगानुपात में सुधार,प्रभावी टीकाकरण अभियान के कारण शिशुओं की मृत्यु दर में गिरावट और औसतन आम लोगों के स्वास्थ्य में सुधार के मोर्चे पर भी अच्छी खबर है। देश के छह लाख घरों में कराया गया यह अब तक का सबसे बड़ा स्वास्थ्य सर्वेक्षण है। इसमें 2015 के आंकड़ों को शामिल किया गया है।