नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 29वीं बार देश से मन की बात। मन की बात में पीएम ने 104 सेटेलाइट एक साथ लॉन्च करने पर इसरो की तारीफ करते हुए कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों ने दुनियाभर में भारत की सिर ऊंचा कर दिया है। इसरो की कामयाबी पूरे भारत के लिए गर्व की बात है। पीएम ने कहा कि महिलाओं की भागेदारी इसरो की सफलता में बहुत बड़ा योगदान है। इनकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है। बता दें कि इससे पहले 29 जनवरी को पीएम ‘मन की बात’ के जरिए देश की जनता से बात की थी।
पीएम ने कहा कि इस उपलब्धि को प्राप्त करने में एक महिला वैज्ञानिक ने योगदान दिया है जो कि गर्व का विषय है। इस दौरान पीएम ने बताया कि भारत द्वारा हाल ही में किए गए बैलेस्टिन मिसाइल का परीक्षण भी किया। यह मिसाइल जमीन से 100 किमी ऊपर ही दुश्मन की किसी मिसाइल को मारने में सक्षम है। हमारी युवा-पीढ़ी का विज्ञान के प्रति आकर्षण बढ़ना चाहिए। देश को बहुत सारे वैज्ञानिकों की जरूरत है।
डिजिटल पेमेंट को प्रमोट करने के लिए बनाई गई स्कीमों का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि सरकार की डिजिधन और लकी ग्राहक योजना का लोगों को लाभ मिला है। डिजिधन योजना के तहत 1500 करोड़ से ज्यादा रकम के इनाम दिए जा चुके हैं। इन स्कीमों के चलते अब तक करोंड़ों के पुरस्कार बांटे जा चुके हैं। डिजिटल पेमेंट का उपयोग करने से देश में भ्रष्टाचार और कालेधन पर लगाम लगाने में अहम है।
भीम ऐप को लेकर पीएम ने कहा कि अप्रैल में बाबा साहेब अबेडकर की जयंती आ रही है और में इस ऐप का उपयोग कर रहे युवाओं से कहूंगा कि वो इसे उपयोग करने का तरीका कम से कम 125 लोगों का सिखाएं। पीएम ने इसके बाद देश के किसानों का जिक्र करते हुए कहा कि इस साल फसल की बंपर पैदावार हुई है और इसके लिए किसानों को बधाई। किसान भाइयों-बहनों ने कड़ी मेहनत करके अन्न के भंडार भर दिए हैं और सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। मेरी एक विनती को देश के किसानों ने सिर आंखों पर बैठाकर मेहनत की और दालों का रेकॉर्ड उत्पादन किया इसके लिए उनका धन्यवाद। इस वर्ष देश में लगभग 2 हजार 700 लाख टन से भी ज्यादा खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है।
उन्होंने दिव्यांगों का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले दिनों भारत की दिव्यांग क्रिकेट टीम ने ब्लाइंड टी-20 क्रिकेट विश्वकप जीतकर साबित किया है कि वो किसी काम में पीछे नहीं हैं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को लेकर कहा कि यह अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है और अब जन शिक्षा का रूप ले चुका है। देश के प्रत्येक कोने में इस ज्वलंत मुद्दे पर लोगों को सोचने पर मजबूर किया है और बरसों से चले आ रहे पुराने रीति-रिवाज़ों के प्रति लोगों की सोच में बदलाव लाया है। जब ये समाचार मिलते हैं कि बेटी के जन्म पर उत्सव मनाया गया, इतना आनंद आता है।
पीएम आगे बोले कि मैंने सुना है कि तमिलनाडु राज्य के कुड्डलोर जिले ने एक विशेष अभियान के तहत बाल-विवाह पर रोक लगाई। अब तक करीब 175 से ज्यादा बाल-विवाह रोके जा चुके हैं। जिला प्रशासन ने ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ के अंतर्गत करीब-करीब 55-60 हजार से ज्यादा बेटियों के बैंक अकाउंट खोले हैं।
जम्मू-कश्मीर के कठुआ ज़िले में कन्वर्जेंस मॉडल के तहत समस्त विभागों को ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना’ में जोड़ा है और ग्राम-सभाओं के आयोजन के साथ-साथ जिला प्रशासन द्वारा अनाथ बच्चियों को गोद लेना, उनकी शिक्षा सुनिश्चित करना, इसके भरपूर प्रयास हो रहे हैं। मध्य प्रदेश में ‘हर घर दस्तक’ के कार्यक्रम अंतर्गत गांव-गांव घर-घर बेटियों की शिक्षा के लिये एक अभियान चलाया जा रहा है।
राजस्थान ने ‘अपना बच्चा, अपना विद्यालय’ अभियान चला करके जिन बालिकाओं का ड्रॉप आउट हुआ था, उनको पुनः स्कूल में भर्ती कराना, फिर से पढ़ने के लिये प्रेरित करने का अभियान चलाया है। कहने का तात्पर्य ये है कि ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ इस आंदोलन ने भी अनेक रूप धारण किए हैं।