नई दिल्ली। देश के पूर्व चीफ जस्टिस अल्तमस कबीर का रविवार को कोलकाता के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। अपोलो ग्लेनईगल्स अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. पार्थो भट्टाचार्य ने बताया कि जस्टिस कबीर का अस्पताल में निधन हो गया। जस्टिस कबीर लंबे समय से बीमार थे। उनका 2007 में गुर्दे का प्रत्यारोपण किया गया था और वह गुर्दे संबंधी एवं कई अन्य बीमारियों से जूझ रहे थे। वह 68 वर्ष के थे।
अस्पताल की प्रवक्ता अंजलि सिन्हा ने न्यूज एजेंसी को बताया कि जस्टिस कबीर ने रविवार दोपहर 3 बजे अंतिम सांस ली। उन्होंने बताया कि जस्टिस कबीर के निधन के समय परिजन और मित्र उनके साथ मौजूद थे। उनका पिछले दो वर्ष से इसी अस्पताल में इलाज चल रहा था। उन्हें गत आठ फरवरी को ठंड के साथ बुखार, कमजोरी और अन्य शिकायतों के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
ममता ने जताया शोक
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जस्टिस कबीर के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्विट करके कहा, पूर्व जस्टिस कबीर के निधन पर शोक। मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और सहकर्मियों के साथ है।
कबीर का जन्म कोलकाता के एक जाने माने बंगाली मुस्लिम परिवार में 1948 में हुआ था। उनका परिवार फरीदकोट जिले (अब बंगलादेश) का निवासी था। उनके पिता जहांगीर कबीर कांग्रेस के प्रमुख और पश्चिम बंगाल के प्रसिद्ध मजदूर नेता थे।
वह देश के 39वें चीफ जस्टिस थे और 29 सितम्बर 2012 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया था। वह 292 दिनों तक देश के चीफ जस्टिस पद पर रहे और 19 जुलाई 2013 को सेवानिवृत्त हुए।