इसमें सबसे ज्यादा 96 उपग्रह अमेरिका के हैं। अमेरिका के अलावा इजरायल, हॉलैंड, यूएई, स्विट्जरलैंड और कजाकिस्तान के छोटे आकार के उपग्रह शामिल हैं। भारत के सिर्फ तीन उपग्रह शामिल हैं।
पीएसएलवी रॉकेट की यह 39वीं उड़ान है। इसका वजन 320 टन और ऊंचाई 44.2 मीटर है। इसमें इसरो के 2 नैनो सैटलाइट भी भेजे गए। यह रॉकेट 15 मंजिल इमारत जितना ऊंचा है। प्रक्षेपित किए जाने वाले सभी उपग्रहों का कुल वजन करीब 1378 किलोग्राम है।
इससे पहले जून 2016 में इसरो ने 20 सैटलाइट्स लॉन्च किए थे, लेकिन अमेरिका और रूस ने वह रिकॉर्ड कई बार तोड़ दिया था। इस बार भी इसरो ने पीएसएलवी के शक्तिशाली एक्स-एल वर्जन के रॉकेट का यूज किया था, जो मंगलयान और चंद्रयान मिशन में भी इस्तेमाल हुआ था।
पीएम ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो और वैज्ञानिकों को इस सफलता के लिए बधाई दी है। पीएम मोदी ने ट्वीट किया है, पीएसएलवी—C37 और कारटोसैट सैटेलाइट के साथ 104 नैनो सैटेलाइट के प्रक्षेपण के लिए इसरो को बधाई। अगले ट्वीट में प्रधानमंत्री ने लिखा- इसरो की एक और बड़ी कामयाबी, अंतरिक्ष में इस उपलब्धि के लिए भारतीय होने के नाते गर्व का मौका। वैज्ञानिकों को देश सलाम करता है।
भारतीय होने पर गर्व
इस ऐतिहासिक पल पर अभिनेता अमिताभ बच्चन ने भारतीय होने पर गर्व होने की बात कही है। अमिताभ ने अपने ट्वीट में लिखा है- भारतीय होने पर गर्व है।
जितेंद्र सिंह ने भी दी बधाई
पीएमओ में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने ट्वीट किया- केवल इसरो ही अंतरिक्ष में भारत का इतिहास लिख सकता है। अगले ट्वीट में जितेंद्र सिंह ने प्रक्षेपण का वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, टीम इसरो को बधाई।
भारत को होंगे ये बड़े फायदे
- इसरो के चेयरमैन एएस किरण कुमार ने मीडिया को बताया की से कहा कि हम जिन सैटेलाइट को लॉन्च कर रहे हैं, उसमें एक 730 किग्रा का है, बाक़ी के दो का वजन 19-19 किग्रा है। इनके अलावा हमारे पास 600 किग्रा और वजन भेजने की क्षमता थी, इसलिए हमने 101 दूसरे सैटेलाइटों को भी लॉन्च करने का फैसला लिया। किरण कुमार ने इस पूरे अभियान पर होने वाले खर्च का ब्यौरा तो नहीं बताया लेकिन ये स्पष्ट किया कि मिशन का आधा खर्च विदेशी सैटेलाइटों को भेजने से आ रहा है। हालांकि अनुमान है कि इसरो को विदेशी सैटेलाइटों से 100 करोड़ रूपए से -ज्यादा की आमदनी होगी।
जिन देशों के सैटेलाइट्स को इसरो ने लॉन्च किया, उसमें अमरीका और इसराइली सैटेलाइट भी शामिल हैं। ये साफ इशारा है कि सैटेलाइट प्रक्षेपण के बाजार में भारत बड़ी तेजी से अपनी जगह बना रहा है। पिछले कुछ सालों में भारत अंतरिक्ष प्रक्षेपण के बाजार में भरोसेमंद प्लेयर बनकर उभरा है। बीते कुछ सालों में भारत ने दुनिया के 21 देशों के 79 सैटेलाइट को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया है, जिसमें गूगल और एयरबस जैसी बड़ी कंपनियों के सैटेलाइट शामिल रहे हैं।
भारत के दो नैनों सैटेलाइट में आईएनएस-1A और आईएनएस-1बी है। इन दोनों का वजन 19-19 किग्रा है। इसके अलावा पीएसएलवी ने पहली बार भारत का 714 किग्रा का कार्टोसैट-2 सीरीज का सैटेलाइट भी लॉन्च किया। ये पृथ्वी के ऑब्जर्वेशन की दिशा में भारत का बड़ा कदम है।