नई दिल्ली। सुभाष चंद्र बोस के करीबी और ड्राइवर रहे कर्नल निजामुद्दीन का सोमवार को 117 साल की उम्र में निधन हो गया। निजामुद्दीन ने आजमगढ़ के मुबारकपुर इलाके के ढकवा में सोमवार को अंतिम सांस ली। निजामुद्दीन के मुताबिक वे नेता दी के साथ बर्मा में 1943 से 1945 तक साथ रहे।
1947 में हुई थी आखिरी मुलाकात
सुभाष चंद्र बोस को लेकर समय-समय पर बवाल मचने पर निजामुद्दीन ने बताया था कि उन्होंने 20 अगस्त 1947 को नेताजी को उन्होंने आखिरी बार बर्मा में छितांग नदी के पास नाव पर छोड़ा था। इसके बाद कभी भी उनकी मुलाकात नेता जी से नहीं हुई।
निजामुद्दीन की पत्नी जिंदा
कर्नल निजामुद्दीन की पत्नी अजबुनिशा फिलहाल जिंदा हैं उनकी उम्र 107 साल है। स्वतंत्रता के दौरान अंग्रेजों के खिलाफ मुहिम छेड़ने वाले निजामुद्दीन को सरकार की ओर से कभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का दर्जा नहीं दिया गया।
मोदी ने लिया था आशीवार्द
आपको बता दें कि ये वही निजामुद्दीन हैं, मंच पर जिनके पैर छूकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस में लोकसभा चुनाव लड़ते वक्त आशीर्वाद लिया था।
नेता जी प्रपौत्री ने की थी मुलाकात
कर्नल निजामुद्दीन ने हिंद फौज का आईकार्ड हमेशा संभाल कर रखा। मोदी सरकार द्वारा नेताजी से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक करने के बाद उनसे मिलने नेता जी प्रपौत्री राज्यश्री चौधरी आईं थी।