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कभी जयललिता को जहर देने वाली शशिकला आज उनकी वारिस, पढ़िए- पूरी फिल्‍मी दास्‍तान

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 5 2017 11:27AM | Updated Date: Feb 6 2017 10:37AM
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चेन्‍नई। तमिलनाडु की सत्ता में रविवार को बड़ा बदलवा हुअा। मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम की जगह एआईएडीएमके महासचिव शशिकला को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाया गया। शशिकला की शादी तमिलनाडु सरकार में पब्लिक रिलेशन ऑफिसर रहे नटराजन से हुई। फिल्‍मों की शौकीन शशिकला पैसे कमाने के लिए एक वीडियो शॉप चलाया करता थीं। इतना हीं नहीं शशिकला आसपास के इलाकों में होने वाली शादियों में वीडियो रि‍कॉर्डिंग भी किया करती थी। 

तमिलनाडु में शशिकला को जयललिता का साया कहा जाता था। लेकिन 2011 में आरोप लगा कि शशिकला ने पति नटराजन को सीएम बनाने के लिए जयललिता को जहर देकर मारने की कोशिश की। इसके बाद जयललिता ने शशिकला को अपने घर और पार्टी से निकाल दिया। यह अलगाव 100 दिन चला। शशिकला द्वारा माफी मांगने पर जयललिता ने उसे दोबारा दोस्त के तौर पर अपना लिया।
 
दो बार आई दोस्‍ती में दरार
जयललिता और शशिकला की दोस्‍ती में दो बार दरार भी आईं। पहली बार साल 1996 में दरार आई थी, जब एआईएडीएमके को चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था। जयललिता ने इसके लिए शशिकला के परिवारवालों की बिगड़ी छवि को जिम्‍मेदार बताया था। उसके बाद साल 2012 में जया ने शशिकला को पार्टी से बाहर कर दिया था। खबर के मुताबिक शशिकला के परिवारवालें उन्‍हें तमिलनाडु की मुख्‍यमंत्री बनाने की योजना बना रहे थे। जिससे नाराज जया ने शशिकला के परिवारवालों का अपने घर से बाहर कर दिया। हालांकि बाद में शशिकला ने माफी मांगी और उन्‍हें पार्टी में दोबारा जगह मिल गई। 
 
पति ने करवाई थी मुलाकात 
शशिकला के पति नटराजन कडलोर जिले के कलेक्‍टर वीएस चंद्रलेखा के साथ काम करते थे। चंद्रलेखा तमिलनाडु के तत्‍कालीन सीएम एम.जी रामचंद्रन (एमजीआर) की करीबी थीं। एमजीआर फिल्‍म में अपनी को-स्‍टार जयललिता के भी करीबी थे। भीड़ को अपनी तरफ आकार्षित करने की जया की कला से एमजीआर बेहद प्रभावित थे। इसलिए उन्‍होंने अपनी पार्टी एआईएडीएमके में जया को जगह दे दी। कलेक्‍टर चंद्रलेखा ने नटराजन के कहने पर एमजीआर से शशिकला को मिलवाने का आग्राह किया। वहीं से दोनों की दोस्‍ती की शुरूआत मानी जाती है। 
 
शशिकला के पास जया की तरह कला नहीं
माना जा रहा है कि शशिकला को पार्टी की कमान तो मिलेगी लेकिन वह पर्दे के पीछे ही रहेंगी। पार्टी का कहना है कि शशिकला में जया की तरह की लोगों को बांधने की और साथ में लेकर चलने की कला नहीं है। साथ पार्टी में ही शशिकला कई लोगों को स्‍वीकार नहीं है। इसलिए वह लोगों से संवाद भी कम रखेंगी। हालांकि पार्टी के अहम फैसले पनीरसेल्‍वम की जगह शशिकला ही लेंगी। 
 
पहले ही मिल गए थे संकेत
शशिकला को राज्य की कमान मिलने के संकेत काफी पहले ही मिल गए थे, जब पार्टी की ओर से जारी की गई प्रेस विज्ञप्तियों में उन्हें चिनम्मा (छोटी अम्मा) कहकर संबोधित किया गया। बता दें कि राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता को उनके समर्थक आदर भाव से अम्मा कह कर पुकारते थे। ऐसे में पार्टी द्वारा उन्हें चिनम्मा कहा जाना जयललिता के उत्तराधिकार पर उनके दावे पर मुहर लगाता है। 
 
कौन हैं शशिलकला
शशिकला नटराजन थेवर समुदाय से हैं। उनका प्रभाव जयललिता के करीबी लोगों में है और जयललिता के जीवन में वो परदे के पीछे से पार्टी का काम देखती रही थी और इसके लिए उन्हें जयललिता का आशिर्वाद प्राप्त था। शशिकला जयललिता की सबसे करीबी मानी जाती रही हैं, एक जमाने में ये भी कहा जाता था कि जयललिता के हर फैसले के पीछे शशिकला का हाथ होता था।  हालांकि, दोनों के रिश्तों में कई बार खटास भी देखी गई। 
 
पार्टी विधायकों की बैठक आज 
राजनीति गलियारों में अटकलें जोरों पर है कि शशिकला को अन्ना डीएमके विधायक दल का नेता चुने जाने की पूरी संभावना है और वे अगले एक या दो दिन में मुख्यमंत्री पद संभाल लेंगी। इस बीच रविवार को पार्टी विधायकों की अहम बैठक होने वाली है।

 

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