नई दिल्ली। 93 सालों में पहली बार ऐसा हुआ जब रेल बजट पेश नहीं हुआ। दरअसल सरकार ने इस बार रेल बजट को आम बजट में विलय कर दिया है। पिछले रेल बजट में रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कई वादे किए थे जो आज भी पूरे नहीं हुए। रेल मंत्री ने अपने पिछले बजट में चार तरह की नई ट्रेन ट्रैक पर उतारने का वादा किया था, जिसमें महज एक हमसफर ट्रेन ही ट्रैक पर उतर पाई।
फैशन डिजाइनर रितू बेरी के डिजाइन किए गए ड्रेस से स्टेशन मास्टर, कुली, टीटीई व अन्य रेलवे कर्मियों को लैस होने की बात तो की गई, लेकिन वह भी खटाई में ही दिखाई पड़ रही है। बुलेट ट्रेन चलाने की बात भी अभी सपने की तरह है। इसी तरह डबल डेकर उदय ट्रेन के डिजाइन को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है। आम लोगों के लिए अनारक्षित श्रेणी वाले अंत्योदय ट्रेन भी अभी तक ट्रैक पर नहीं उतर पाई है। हालांकि इस ट्रेन का एक सेट बनकर तैयार है और इसे अगले सप्ताह चलाने की तैयारी है।
प्रभु ने वादा किया था कि कुलियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्हें सहायक का नाम दिया गया। उन्हें आतिथ्य की जानकारी दी जाएगी, लेकिन आज भी सहायकों से रेलवे स्टेशन पर यात्री परेशान हैं। दिल्ली-कानपुर, दिल्ली-चंडीगढ़ समेत अन्य रूट पर सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने की बात की गई थी, लेकिन सिर्फ दिल्ली-आगरा रूट पर इस तरह की ट्रेन चल पाई।
- चार तरह की नई ट्रेन में महज हमसफर ही ट्रैक पर उतर पाई।
- बेहतर खान-पान के लिए 10 बेस किचन बनने थे, अधूरा रह गया प्लान।
- स्टेशन डेवलपमेंट अथॉरिटी के बावजूद स्टेशनों का विकास नहीं हुआ।
- मिशन रफ्तार के पैमाने पर भी नहीं खरा उतर सका रेलवे।
- रेलवे की अपनी यूनिवर्सिटी की योजना भी परवान नहीं चढ़ सकी।