नई दिल्ली। भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने अपनी सामरिक साझेदारी को व्यापक स्तर पर ले जाते हुए परस्पर सहयोग के 14 करारों पर हस्ताक्षर किए तथा रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग को बढ़ा कर दक्षिण एशिया में स्थिरता कायम करने के लिए मजहबी कट्टरवाद एवं हिंसा का मिलकर काम करने का संकल्प जताया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और आबूधाबी के युवराज एवं यूएई की सशस्त्र सेनाओं के डिप्टी सुप्रीम कंमाडर जनरल शेख मोहम्मद बिन जयेद अल ना‘न के बीच यहां हैदराबाद हाउस में हुई शिखर बैठक में ये फैसले हुए।
जनरल ना‘न 68वें गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में भारत की तीन दिन की यात्रा पर यहां आए हैं। शिखर बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल में केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली, मनोहर पर्रिकर, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, धर्मेन्द्र प्रधान, एम जे अकबर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल एवं विदेश सचिव एस जयशंकर मौजूद थे।
बैठक के बाद श्री मोदी ने अपने वक्तव्य में कहा कि भारत, यूएई को अपनी विकास गाथा का एक अहम साझीदार मानता है और वह भारत के ढांचागत क्षेत्र में निवेश के यूएई की दिलचस्पी का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ यूएई विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र में हमारे विकास से जुड़ कर लाभान्वित हो सकता है। हम दोनों मिलकर डिजिटल अर्थव्यवस्था, मानव पूंजी और स्मार्ट शहरीकरण की भारत की पहल में निहित असीम अवसरों का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम दोनों देशों के कारोबार एवं उद्योग जगत के बीच संपर्क बढ़ाकर द्विपक्षीय कारोबार में बढ़ावा देना चाहते हैं।