नई दिल्ली। मोदी सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देने का ऐलान किया है। नोटबंदी के प्रभाव को कम करने के लिए सरकार ने मंगलवार को किसानों द्वारा लिए गए 660.50 करोड़ रुपए लोन के ब्याज को माफ कर दिया है।
अब किसानों को नवंबर-दिसंबर 2016 का कृषि लोन पर लगने वाला ब्याज नहीं देना पड़ेगा। इससे उन किसानों को फायदा होगा जिन्होंने सहकारी बैंकों से छोटी अवधि के लिए लोन लिया था।
इसके लिए सरकार पर 1060.50 करोड़ रुपए का वित्तीय भार बढ़ जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई।
ऋण उपलब्ध कराएंगे बैंक
बैठक के बाद सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि सहकारी बैंको से छोटी अवधि के लिए कृषि लोन लेने वाले किसानों को इस फैसले से लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे सहकारी बैंकों के पास फिर से पर्याप्त संसाधन मौजूद होंगे। नोटबंदी के बाद रबी फसलों को लेकर किसानों को कैश के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अब बैंक आसानी से किसानों को पर्याप्त ऋण मुहैया करा सकेगा। इस छूट का प्रावधान कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) में भी लागू होगा। केंद्र सरकार 2016-17 में 1500 करोड़ रुपए की राशि ब्याज छूट योजना (आईएसएस) के तहत आवंटित कर चुकी है। सरकार ने 2006-07 में आईएसएस योजना लागू की थी। इस योजना के तहत किसानों को छोटी अवधि के लिए के तीन लाख रुपए तक का लोन पब्लिक सेक्टर बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको और सहकारी बैंकों से सात फीसदी वार्षिक दर पर मिलता है।
आईआईएम घोषित हुए राष्ट्रीय महत्व के संस्थान
इसके अलावा कैबिनेट ने आईआईएम को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस बिल को मंजूरी मिलने के बाद अब आईआईएम छात्रों को डिग्री प्रदान कर सकेंगे। सभी आईआईएम को अब काम करने की पूरी ऑटोनामी मिलेगी वहीं कुछ जिम्मेदारियां भी उठानी होंगी।