नई दिल्ली। कोयला घोटाले के दौरान पद के दुरुपयोग के मामले में सीबीआई के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा की मुश्किल बढ़ गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सिन्हा की भूमिका की जांच के लिए सीबीआई को जांच के आदेश दिए है। जस्टिस मदन बी लोकुर की अगुवाई वाली बेंच ने नए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा से सिन्हा की जांच के लिए एक विशेष टीम बनाने को कहा है। सोमवार को सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा- प्रथमदृष्टया उनके (सिन्हा) खिलाफ कोयला घोटाले में कुछ आरोपियों के साथ सांठ-गांठ करने का मामला बनता है।
पिछले साल जुलाई में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए पैनल ने भी सिन्हा को दोषी पाया था। पैनल की जांच में पाया कि आरोपी ने सिन्हा से मुलाकात की थी। यह भी पता चला कि सिन्हा ने कोयला घोटाले की जांच से भी छेड़छाड़ की थी। पैनल ने पाया कि आरोपी से सिन्हा की मुलाकात का के फैसलों पर असर पड़ा।
गौरतलब है कि साल 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के पूर्व निदेशक एमएल शर्मा की नेतृत्व पर एक टीम बनाई थी। इस टीम को सिन्हा के घर से मिले विजिटर्स बुक की सत्यता की जांच करनी थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि सीबीआई प्रमुख रहते हुए रंजीत सिन्हा ने कोयला घोटाले के आरोपियों से मुलाकात की थी।
साल 2012 की सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया था कि कोयला घोटाले से देश को करीब 1.86 लाख करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साल 2014 में सरकार द्वारा आवंटित किए गए 200 से ज्यादा कोल ब्लॉक्स को रद्द कर दिया था।