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क्या चरखे के साथ फोटो खिंचवाने और छपवाने से मोदी बन जाएंगे "महात्मा"!

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 13 2017 4:04PM | Updated Date: Jan 13 2017 4:04PM
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नई दिल्‍ली। खादी ग्रामोद्योग का वर्ष 2017 का कैलेंडर बड़े चर्चा में हैं। इसमें पूरे बारह महीनों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कब्‍जा है। पूरे कैलेंडर  में महात्मा गांधी कहीं नहीं है। इस कैलेंडर की जिस तस्वीर को लेकर विवाद है, उसमे महात्मा गांधी की चरखे के साथ वाले फेमस फोटो में गांधीजी की जगह नरेंद्र मोदी को बताया गया है। 

खादी केंद्र के कर्मचारी और तमाम गांधीवादी और राजनेता इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि नरेंद्र मोदी  अपने तरीकों के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को रिप्लेस करने की कोशिश कर रहे हैं। पहले वाली तस्वीरों में गांधी जी अपने  परंपरागत परिधान में हैं, जबकि मोदी अपनी स्टाइलिश जैकेट और रौब के साथ दिखाई दे रहे हैं। 

खादी ग्रामोद्योग के चेयरमैन का कहना है कि पहले भी गांधीजी की तस्वीर के बिना कैलेंडर निकलते रहे हैं। इसमें कुछ नया नहीं है। संस्थान गांधीजी के आदर्शों और उनके नीति व विचारों के अनुरूप ही चल रहा है। उन्हें कैसे भुलाया या रिप्लेस किया जा सकता है। चेयरमैन का तर्क है कि पिछले साल मोदी ने चरखे का खूब प्रचार किया और वे कई बरसों के खादी पहन रहे हैं, इसलिए उनकी तस्वीर लगाई गई है। अब इस विवाद में आते हैं। 
 
तस्वीर लगाना सही है या गलत ये मुद्दा हो सकता है। पर क्या देश में कोई भी व्यक्ति चरखे के साथ तस्वीर या कैलेंडर से गांधीजी को रिप्लेस कर सकता है। क्या ऐसी तस्वीर और कैलेंडर से नरेंद्र मोदी महात्मा गांधी को रिप्लेस कर देंगे? क्या इतना कमोजर है गांधीवाद कि प्रधानमंत्री या किसी की तस्वीर से लोगों की आस्था बदल जाएगी। 
 
आखिर चरखे के साथ कोई फोटो गांधी जी जैसे मुद्रा में क्यों नहीं खिंचवा सकता। होना तो ये चाहिए की देश में सबको गांधी चरखे के साथ फोटो खिंचवाने का मौका मिलना चाहिए। यदि, बीजेपी और सरकार ने जानबूझकर ऐसी तस्वीर करवाई है तो भी क्या ऐसा करने से मोदी "महात्मा" बन जाएंगे या जनता गांधीजी को भुला देगी। 
 
गांधी के पड़पोते भी भड़के 
मोदी की तस्वीर लगने पर हात्मा गांधी के पड़पोते तुषार गांधी भी भड़क गए हैं। इस मामले पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए तुषार गांधी ने कहा कि वक्त आ गया है कि बापू अब खादी विलेज इंडस्ट्रीज कमीशन को राम-राम कह दें। तुषार गांधी का कहना है कि यूं भी खादी विलेज इंडस्ट्रीज कमीशन ने खादी और बापू दोनों की विरासत को कमजोर करके रख ही दिया है। उन्होंने कहा कि मोदी को चाहिए कि वो इस कमीशन को निरस्त कर दें।
 
चरखा कातने की एक्टिंग से कोई गांधी नहीं बन जाता
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि गांधी बनने के लिए कई जन्मों की तपस्या करनी पड़ती है। चरखा कातने की एक्टिंग करने से कोई गांधी नहीं बन जाता, बल्कि उपहास का पात्र बनता है। 
 
आशुतोष ने बताया तानाशाह 
वहीं आप नेता आशुतोष ने भी इसकी निंदा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पिछले 83 वर्षों से महात्मा गांधी की विरासत को मिटाने का प्रयास करता रहा है। मोदी भी ऐसा प्रयास कर रहे हैं लेकिन महात्मा गांधी लोगों के दिलों में बसते हैं और एक तानाशाह उनकी स्मृति को मिटा नहीं सकता। 
 
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