नई दिल्ली। बीएसएफ जवान के गंभीर आरोपों की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि अब सीआरपीएफ जवान का एक नया वीडियो सामने आ गया है। इस वीडियो में सीआरपीएफ जवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सुविधाओं के लेकर गुहार लगाई है। इस जवान का नाम जीत सिंह है जो सीआरपीएफ में तैनात है।
बयां किया अपना दर्द...
जीत सिहं ने कहा - दोस्तो मैं कॉस्टेबल जीत सिंह सेंट्रल जवान पुलिस फोर्स का जवान हूं। आप लोगों के जरिए देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी तक एक संदेश पहुंचाना चाहता हूं। मुझे पूरा भरोसा है कि आप लोग मेरा सहयोग करेंगे। हम लोग सीआरपीएफ वाले ऐसी कौन सी ड्यूटी है जो नहीं करते। छोटे-मोटे ग्राम पंचायतों के चुनाव में हम लोग ड्यूटी करते हैं। इसके अलावा वीआईपी सिक्यूरिटी, वीवीआईपी सिक्यूरिटी, संसद भवन, एयरपोर्ट, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, यानि कि कोई भी ऐसी जगह नहीं है जहां पर हम लोगों की तैनाती नहीं होती हो।
उन्होंने आगे कहा, इतना सब कुछ करने के बाद भी भारतीय आर्मी सीआरपी और बाकी अर्द्धसैनिक बलों के बीच में सुविधाओं में इतना अंतर है कि आप लोग सुनोगे तो हैरान रह जाओगे। हमारे देश के अंदर न जाने कितने ही सरकारी स्कूल और कॉलेज है जिन टीचरो को आप हजारो की सैलरी देते है यहां तक की समय पर छुट्टियां भी मिल जाती है। लेकिन हम लोग कभी झारखंड में कोई जम्मू -कश्मीर की वादियो में पड़ा रहता है। न इसको कोई वेलफेयर मिलता है , न समय से छुट्टियां मिलती है। क्या हम लोग इसके हकदार नहीं है।
इसके साथ ही जीत सिंह ने कहा, आर्मी को पेंशन है हम लोग की पेंशन थी वो भी बंद हो गई। 20 साल बाद हम लोग नौकरी छोड़कर जाएंगे तो क्या करेंगे। एक्स सर्विसेज का कोटा भी नहीं मिलता। कैंटीन और मेडिकल की सुविधा हमें नहीं। लेकिन ड्यूटी सबसे ज्यादा हमारी। आर्मी को जितनी फैसिलिटी मिलती है हमें उससे ऐतराज नहीं। लेकिन हमारे साथ इतना भेदभाव क्यों।
मोदी सरकार तक पहुंचा वीडियो
सीआरपीएफ जवान का वीडियो सामने आने के बाद केंद्र की मोदी सरकार हरकत में आ गई है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहिर ने कहा है कि वीडियो के आधार पर जांच शुरू की जा रही है। उन्होंने बताया कि देश और समाज के रक्षक जवानों की हर परेशानी को मोदी सरकार दूर करेगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल हमारे पास लिखित में शिकायत नहीं आई है फिर भी हम वीडियो के आधार पर समुचित कार्रवाई करने जा रहे हैं, हम जवानों के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करेंगे। गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी इस मामले में विशेष रूप से गंभीर हैं।