नई दिल्ली। सहारा-बिड़ला डायरी मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पेश सामग्री को नाकाफी बताते हुए जांच की याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जांच कराने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
इस मामले को अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में उठाया था. इसके बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इसी डायरी के हवाले पीएम मोदी पर गुजरात का सीएम होने के दौरान भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था।
मामले की सुनवाई में कोर्ट ने प्रशांत भूषण की याचिका खारिज करते हुए कहा कि इसमें एक भी ऐसा तथ्य सामने नहीं आया, जिसके आधार पर जांच के आदेश दिए जाएं।
कोर्ट ने कहा प्रधानमंत्री जैसे बड़े संविधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ इस तरह से जांच का आदेश नहीं दिया जा सकता। हवाला की रसीदें किसी को दोषी ठहराने के लिए काफी नहीं हैं। ऐसे मामलों में जांच के लिए कई और सबूतों होने चाहिए।
गौरतलब है कि इनकम टैक्स की एक रेड में सहारा के ऑफिस से एक डायरी मिली थी, जिसमे कथित रूप से यह लिखा है की 2003 में गुजरात के मुख्यमंत्री को 25 करोड़ रुपये घूस दी गई। उस समय नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
कई बड़े नेताओं के नाम शामिल
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, डायरी में कई राजनीतिक दलों के बड़े नेताओं के नाम शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि डायरी के दो पेज में नेताओं के नाम वाली 2 लिस्ट है। जिसमें कुल 54 नाम हैं।