नई दिल्ली। 500 और 1000 के पुराने नोट बंद करने के केन्द्र सरकार के फैसले पर पहली बार राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि नोटबंदी से जहां कालाधन और भष्ट्राचार के खिलाफ कार्रवाई हो रही है वहीं इससे अर्थव्यवस्था में अस्थाई रूप से कुछ नरमी आ सकती है।
मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन से वीडियो, कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यपालों और उपराज्यपालों को संबोधित करते हुए कहा कि नोटबंदी के बाद आर्थिक मंदी के कारण गरीबों को होने वाली अपरिहार्य परेशानियों को दूर करने के लिए अतिरिक्त ध्यान दिया जाना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा, नोटबंदी के फैसले से गरीबों की परेशानियां बढ़ी है। इससे अर्थव्यवस्था की रफ्तार पर भी प्रभाव पड़ेगा। लंबे समय के बाद इससे फायदा होगा लेकिन गरीब इतना लंबा इतंजार नहीं कर सकता। जरूरी है कि गरीबों को तत्काल मदद मिल सके। नोटंबदी के अलावा राष्ट्रपति ने पांच राज्यों में होने वाले चुनाव के लिए राज्यपाल और उपराज्यपालों को पूरी तरह तैयार रहने को कहा, उन्होंने कहा लोकतंत्र के इस पर्व में सबको अपनी भूमिका निभानी चाहिए।
राष्ट्रपति ने साथ ही पांच राज्यों में अगले महीने शुरू होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर कहा कि चुनाव अक्सर वोट बैंक पॉलिटिक्स पर लड़ा जाता है। इसके लिए विभिन्न समुदायों के बीच तनाव पैदा किया जाता है, जिससे समाज को नुकसान होता है। ऐसे में समाज में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए राज्यपाल और उपराज्यपाल को अहम भूमिका निभानी चाहिए।