नई दिल्ली। पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि नोटबंदी के बाद देश में ऐसा वातावरण बनाया जा रहा था कि कृषि बर्बाद हो गई है जबकि रबी के बुवाई क्षेत्र में पिछले वर्ष की तुलना में छह प्रतिशत की वृद्धि हुई है और उर्वरकों का उठाव भी नौ प्रतिशत बढ़ा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नोटबंदी के कारण बीज और उर्वरकों की खरीद में किसानों को दिक्कत हुई है और कर्ज लेने में परेशानी भी हुई है। उन्होंने कहा कि जिला सहकारी बैंकों, सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंकों और सहकारी समितियों से जिन किसानों ने खरीफ और रबी फसलों के लिए कर्ज लिया है, उसके 60 दिन का ब्याज सरकार चुकता करेगी।
मोदी ने कहा कि सहकारी बैंकों और सोसाइटियों से किसानों को अधिक कर्ज देने के उपाय किए गए हैं और नाबार्ड ने इसके लिए 21 हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था की है।
सरकार इसमें बीस हजार करोड़ रुपए और देने जा रही है, जिससे किसानों को कम ब्याज पर कर्ज मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि नाबार्ड को जो आर्थिक नुकसान होगा, सरकार उसे वहन करेगी।
किसान क्रेडिट कार्ड रूपे कार्ड में बदले जाएंगे
मोदी ने नववर्ष की पूर्वसंध्या पर राष्ट्र के नाम सम्बोधन में कहा, किसानों की समस्याओं के समाधान तथा उनकी खरीद-बिक्री की सुविधा बढ़ाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड को रूपे कार्ड में बदले जाएगे।