नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में सबसे पहले कहा कि 125 करोड़ देशवासी नए साल का स्वागत नए निर्णयों, नई भावनाओं के साथ करेंगे। नोटबंदी के मसले पर उन्होंने कहा कि दीपावली के तुरंत बाद देश में शुद्धि यज्ञ का देश गवाह बना। आने वाले सालों में आने वाले भविष्य की यह रूपरेखा तय करेगा। समय के साथ जो बुराइयां उत्पन्न होती हैं, लोग उनसे मुक्त होने का प्रयास करते हैं।
हमारा जीवन भी काले धन और भ्रष्टाचार से घिरा था। ईमानदार लोगों को इसको खत्म करने के लिए आगे आना पड़ा। दीपावली के बाद जो हुआ उससे साबित हो गया कि आम भारतीयों ने इससे निपटने का बीड़ा उठा लिया है।
उन्होंने कहा कि सामाजिक बुराईयां हमारे जीवन का हिस्सा बन गई थीं। लेकिन 8 नवंबर के बाद की घटनाओं ने हमको एक बार फिर से मुड़के देखने को मजबूर किया है। इससे साबित होता है कि सच्चाई और अच्छाई भारतीयों के लिए कितना मायने रखती है। इतिहास में यह पहला ऐसा मौका है कि जब सरकार और लोग मिलकर साथ-साथ लड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि मुझे पता है कि आप लोगों को इस दौरान लंबी कतारों में लगना पड़ा है। भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। लोगों की पीड़ाओं से संबंधित मुझको हजारो खत मिले हैं।
नए साल में हम आशा करते हैं कि बैंकों का कामकाज सामान्य होगा। उन्होंने कहा कि हमारे पास सिस्टम में जो नकदी आ गई थी, वह दरअसल असामान्य बात थी। इससे निपटारे के लिए नोटबंदी लागू की गई। करोड़ों भारतीयों ने जो धैर्य का परिचय दिया है, ऐसे में यदि लाल बहादुर शास्त्री, जेपी नारायण और लोहिया होते तो आशीर्वाद देते।