देहरादून। जुमे की नमाज के लिए 90 मिनट का ब्रेक देने के अपने फैसले पर उत्तराखंड सरकार ने यू-टर्न ले लिया है। विधान चुनाव से पहले मुस्लिमों को धार्मिक आधार पर छुटे देने पर घमासान तेज हो गया है। मामले को बढ़ता देख अब सीएम हरीश रावत ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर सभी धर्मो और वर्गों के कर्मचारियों को इस तरह का अवकाश दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक बयान जारी कर कहा कि त्योहार, पूजा-अर्चना व विशेष धार्मिक अवसरों पर सरकारी कर्मचारियों को आवश्यकता होने पर विशेष अवकाश दिए जाने का निर्णय लिया गया है। यह सुविधा सभी धर्मों, जातियों और वर्गों के कर्मचारियों को अल्प समय के लिए अनुरोध किए जाने पर मिलेगी।
गौरतलब है कि हरीश रावत सरकार ने जुमे की नमाज के लिए मुस्लिम कर्मचारियों को 90 मिनट का ब्रेक देने का फैसला किया था। शनिवार को हुए अहम बैठक में हरीश रावत की मौजूदगी में कैबिनेट ने ये फैसला किया था। विधानसभा चुनावों से ठीक पहले रावत सरकार के इस फैसले पर भारतीय जनता पार्टी ने सवाल उठाते हुए इसे मुस्लिम तुष्टीकरण बताया था।
बीजेपी का कहना था कि इस प्रकार की चीजें धर्मं आधरित देशों में हो सकती है और ये वोट की राजनीति के लिए लिया गया फैसला है। सरकार ने फैसले को तुरंत लागू करने की बात कही है। सरकार के इस फैसले के बाद मुस्लिम कर्मचारी हर शुक्रवार को जुमे की नमाज के लिए 90 मिनट का ब्रेक ले सकेंगे।