नई दिल्ली। 8 नवंबर को केंद्र सरकार द्वारा 500 और 1000 के नोट बंद करने के बाद कई पार्टियों के नेताओं ने अपने दफ्तरों को लोगों की ब्लैकमनी ठिकाने लगाने का अड्डा बना रखा है। एक टीवी चैनल के स्टिंग में यह दावा किया गया है।
'इंडिया टुडे' के स्टिंग विडियो में देश की कई अहम राजनीतिक पार्टियों मसलन-कांग्रेस, एसपी, बीएसपी के प्रतिनिधि दफ्तरों में बैठकर लोगों की अघोषित दौलत को वाइट करने के लिए ब्रोकर की भूमिका निभाते नजर आए। विडियो में वे गाजियाबाद, नोएडा और दिल्ली जैसी जगहों पर अपने दफ्तरों से ही संदेहास्पद गतिविधियां चलाते नजर आए।
क्या है पूरा मामला
इंडिया टुडे के अंडरकवर रिपोर्टर गाजियाबाद बहुजन समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र जाटव से कारोबारी बनकर मिले। स्टिंग के मुताबिक, टीवी चैनल के रिपोर्टरों की ओर से बताई गई 10 करोड़ की काल्पनिक रकम को कमिशन लेकर बदलवाने के लिए जाटव तैयार नजर आए। इसके लिए जाटव ने 40 प्रतिशत कमिशन मांगा और हाथ के हाथ काम करवाने की बात कही। इस स्टिंग के मामले में वीरेंद्र जाटव को पार्टी से बाहर निकाल दिया गया है।
गंदगी को साफ करना ही मोदी जी का मिसां है और वो होकर रहेगा। जब तक माया, मुलायम और कॉंग्रेस रहेगी करप्शन खत्म नही होगा। जो पकड़ा जाय उसे थेसो जेल में ज़िंदगीभर के लिये वो भी सारा पैसा लेकर।
कई अन्य नेता भी करंसी बदलने के गैरकानूनी धंधे में लिप्त नजर आए। नई दिल्ली स्थित ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी के मुख्यालय पर पार्टी के सदस्य तारिक सिद्दीकी ने स्टिंग ऑपरेशन कर रहे पत्रकारों को एक ऐसे एनजीओ से मिलवाने के लिए हामी भरी जो उनके गैरकानूनी रकम को एक्सचेंज करवाने में मदद करता।
एक स्टिंग में कमीशन लेकर नोट बदलने के मामले में बसपा नेता वीरेंद्र जाटव को पार्टी से बाहर निकाल दिया गया है। पार्टी के महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दकी ने बिना किसी कारण बताओ नोटिस के वीरेंद्र जाटव को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।