नई दिल्ली। नोटबंदी का ऐलान हुए 35 दिन बीतने के बाद भी बैंकों और एटीएम के बाहर भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है। वहीं जिस कालेधन को रोकने के लिए नोटबंदी का ऐलान किया गया था उसपर भी पूरी तरह रोकथाम हुई ऐसा नहीं लगता। कई बैंकों से लगातार खबरें आती रहीं कि वहां भारी मात्रा में नोटों को जमा कराया और बदला गया।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर आर. गांधी ने कहा कि विभिन्न बैंक ब्रांचों में कुछ ट्रांजेक्शन की गड़बड़ियां पैदा करने वालों पर हमारी नजर बनी हुई है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नोटबंदी के शुरू से साथ ही बैंककर्मियों ने अच्छा काम किया है। केंद्रीय डेटा जांच के लिए हमने सभी बैंक प्रबंधनों को विस्तृत निर्देश जारी किए हैं।
उन्होंने जानकारी दी कि गड़बड़ियों के कई मामलों में बैंकों ने अपने स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की है। भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को 8 नवंबर से 30 दिसंबर तक के बैंक के काम की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग को संरक्षित करने की सलाह दी है। बैंक कर्मचारियों द्वारा गड़बड़ी की खबरें लगातार आ रही हैं।
वित्त मंत्रालय ने भी पीएसबी के सभी एमडी और सीईओ/सीएमडी, आईबीए के अध्यक्ष को एक लेटर के माध्यम से निर्देश दिया कि देश की सभी बैंक शाखाओं को पुराने और नए करेंसी नोटों में नकदी जमा को सही तरीके से प्रदर्शित करने के लिए सावधान कर दिया जाए और साथ ही ग्राहकों को इसके बारे में सूचित किया जाए। इस बारे में क्या कार्रवाई की गई, उसकी रिपोर्ट 16 दिसंबर तक दी जाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैंकों में चल रही गड़बड़ियों को जांचने के लिए देश के बैंकों की करीब 500 शाखाओं का स्टिंग करवाया है। सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय में स्टिंग ऑपरेशन की करीब 400 सीडी पहुंच भी चुकी हैं। इन बैंकों में निजी और सरकारी दोनों बैंक की शाखाएं शामिल हैं। सूत्रों की मानें तो सीडी में बैंक अधिकारियों, पुलिस, दलाल और जालसाजों की मिलीभगत से नोट बदले जाने के सबूत भी मिले हैं। सीडी में साफ पता चल रहा है कि बैंकों में पुलिस, दलाल और प्रभावशाली लोगों की सांठ-गांठ से कैसे पुराने नोट बदले जा रहे हैं। करेंसी संकट में थोड़ा सुधार होने के बाद भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई की जाएगी।