नई दिल्ली। नोटबंदी पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मंगलवार को मोदी सरकार पर जमकर निशानाा साधा। उन्होंने कहा कि नोटबंदी लागू करने से पहले पीएम ने सही सलाह नहीं ली। इससे सिर्फ गरीबों की ही जिंदगी मुश्किल हुई है, अमीरों पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। चिदंबरम ने नोटबंदी को सबसे बड़ा घोटाला करार देते हुए कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए। ये एक आपराधिक कृत्य है और इसकी आपराधिक जांच होनी चाहिए।
अमीरों पर नहीं पड़ा कोई असर
चिदंबरम ने कहा कि हर बैंक कह रहा है कि कैश नहीं है तो फिर लोग 24 हजार रुपए कैसे निकालेंगे? कैश की किल्लत से किसान और मजदूर सबसे ज्यादा परेशान हैं। अमीरों को इससे कोई असर नहीं पड़ा है।
7 महीनों में होंगे सामान्य हालात
केंद्र सरकार कह रही है कि 50 दिन में हालात सामान्य हो जाएंगे, लेकिन मौजूदा हालात को देखकर तो ऐसा नहीं लगता है। दिन रात नोटों की छपाई होती रहे तो भी हालात सामान्य होने में कम से कम 7 महीने लगेंगे। 50 दिन में हालात सामान्य होने की बात कहना गलत है।
क्यों बंद किया 500 का नोट?
चिदंबरम ने 500 रुपए के नोट बंद किए जाने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने सरकार से पूछा कि 500 का नोट, जो आम करंसी थी, इसे बंद क्यों किया गया? दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में क्या कोई 500 रुपए से कम रुपए में रह सकता है? सरकार के पास इसका कोई जवाब नहीं है कि उसने 500 का नोट क्यों बंद किया।
खोदा पहाड़, निकली चुहिया
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि करीब दो लाख एटीएम हैं, इनमें से केवल 35% चल रहे हैं, 65% नहीं चल रहे हैं। गांवों में मार्केट को कैश चाहिए, वो काम नहीं कर पा रहे हैं। ये मार्केट पिछले कई दिनों से बंद हैं। मुरादाबाद का पीतल मार्केट, आगरा का शू मार्केट बंद है। नोटबंदी से सिर्फ गरीबों को ही परेशानी हो रही है, अमीरों पर कोई फर्क नहीं पड़ा। खोदा पहाड़, निकली चुहिया वाली कहावत सही साबित हो रही है।
यशवंत सिन्हा से करना चाहिए था मश्विरा
वित्त मंत्री ने कहा इस कवायद से सजा किसानों को मिली है। लेबर क्लास के लिए कोई काम नहीं है। दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूरों का रोजगार छिन गया है। नोटबंदी से अब तक 91 लोगों की मौत हो चुकी है। क्या पता कवायद ये हो कि पहले लोगों को 2000 के नोट थमाए जाएं फिर उसे भी बैन कर दिया जाए? उन्होंने कहा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से सलाह लेने पर इसे गुप्त रखने का प्लान बिगड़ता नहीं। सरकार को कम से कम पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा से ही मश्विरा करना चाहिए था।
सत्ता पक्ष चर्चा के लिए तैयार नहीं
लोकसभा में हम हम रुल 184 के तहत चर्चा चाहते हैं पर सत्ता पक्ष भारी बहुमत होने के बाद भी चर्चा के लिए तैयार नहीं है। हम पीएम को सदन में चर्चा में हिस्सा लेने के लिए कह रहे हैं। हम कैशलेस इकॉनमी के पक्ष में हैं। राजीव गांधी के समय से डिजिटल होने की दिशा में बढ़ रहे हैं। उस समय से देश में रेलवे में कंप्यूटर का प्रयोग किया जा रहा है। विश्व के कितने देश हैं जो कैशलेस हैं? आप गांवों को कैसे डिजिटल लेनदेन की ओर लेकर जाएंगे? 11 करोड़ लोग कतारों में खड़े हैं।
आज नोटबंदी का 35वां दिन
गौरतलब है कि 8 नवंबर को पीएम मोदी ने 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने का ऐलान किया था। इस फैसले के बाद से ही देश में कैश किल्लत से लोग परेशान हैं। पीएम मोदी लगातार 50 दिन में हालात सामान्य होने की बात कह रहे हैं। आज नोटबंदी का 35वां दिन है, लेकिन बैंक और एटीएम के बाहर लोगों की कतारें जस की तस नजर आ रही हैं। विपक्ष भी लगातार नोटबंदी को लागू करने के सरकार के तरीके पर सवाल उठा रहा है।