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डेलरिंपल का दावा- उपहार में नहीं मिला, अंग्रेजों ने लूटा था कोहिनूर हीरा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 12 2016 2:02PM | Updated Date: Dec 12 2016 2:02PM
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नई दिल्ली। इतिहासकार और लेखक विलियम डेलरिंपल का कहना है कि कोहिनूर हीरा ब्रिटिश शासकों को उपहार स्वरूप नहीं दिया गया था, बल्कि वह जबरन इसे भारत से ले गए थे। डेलरिंपल ने पत्रकार अनिता आनंद के साथ मिलकर इस बहुमूल्य चर्चित हीरे पर एक नई किताब लिखी है। कोहिनूर हीरे का एक जटिल इतिहास है और यह सदियों से रहस्य का विषय व पहेली बना हुआ है। डलरिंपल ने कहा, टॉवर आॅफ लंदन में रखा गया सर्वाधिक प्रसिद्ध कोहिनूर हीरा औपनिवेशिक काल की लूटों का एक प्रतीक है। 
 
रणजीत के बेटे से जबरन छीना था रत्न
इस हीरे पर लिखी गई किताब ‘कोहिनूर: द स्टोरी आॅफ वर्ल्ड्स मोस्ट इनफेमस डायमंड’ की सह लेखिका और ब्रिटिश रेडियो व टीवी पत्रकार अनिता आनंद ने भी डेलरिंपल से सहमति जताई। उन्होंने कहा, हम इस बकवास पर आपत्ति जताते हैं कि लोग समझते हैं कि महाराजा रणजीत सिंह ने इसे उपहार में दिया था। इसे उपहार में नहीं दिया गया था। महाराजा इस हीरे को ले जाए जाने से पहले ही मर चुके थे।
 
अनिता ने कहा कि दरअसल वह महाराजा रणजीत सिंह के दस वर्षीय पुत्र दिलीप सिंह थे जिनके कब्जे से 29 मार्च, 1849 को कोहिनूर छीना गया था। सरकार ने गत 16 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट से कहा, महाराजा रणजीत सिंह ने हीरा पूरी आजादी के साथ अंग्रेजों को दिया था। ब्रिटिश शासकों ने न तो इसे चुराया था और न ही वह इसे जबरन छीन कर ले गए थे।
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