नई दिल्ली। साल 2004 में हुए 12 वीवीआइपी हेलीकॉप्टर घोटाले में बीते शनिवार को पूर्व वायु सेना एसपी त्यागी को 4 दिनों की सीबीआइ रिमांड पर भेजा गया। लेकिन त्यागी ने रिमांड पर जाने से पहले अपने बचाव में कई अहम बातों का खुलासा किया। त्यागी ने उस समय की कांग्रेस सरकार के पीएमओ पर भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी तत्कालीन प्रधानमंत्री कार्यालय को भी थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, एसपी त्यागी के वकील ने नई दिल्ली के पाटियाला हाउस कोर्ट में कहा कि वीवीआइपी हेलीकॉप्टर के उड़ने की न्यूनतम ऊंचाई सीमा प्रधानमंत्री कार्यालय की सलाह के बाद घटाई गई थी। पूर्व वायु सेना प्रमुख की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन ने कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआइपी हेलिकॉप्टरों की खरीद का फैसला सामूहिक था और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) भी इसका हिस्सा था। उन्होंने अदालत से कहा- यह सामूहिक फैसला था, न कि त्यागी का व्यक्तिगत फैसला था। यह एक सामूहिक फैसला था, जिसका पीएमओ हिस्सा था।
सीबीआई ने अदालत से कहा कि तीन देशों-इटली, स्विट्जरलैंड और मॉरिशस से पत्र नियामकों के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारियां एकत्रित की गइ हैं और सौदे में हुइ साजिश का खुलासा करने के लिए आरोपियों को आमने-सामने कर पूछताछ करने की जरूरत है।
सीबीआई ने अदालत से कहा कि संजीव त्यागी के माध्यम से अगस्ता वेस्टलैंड के वरिष्ठ अधिकारियों और एसपी त्यागी के बीच नियमित बैठकें हुइं। हेलीकॉप्टर की न्यूनतम ऊंचाई कम करने के लिए एक साजिश रची गई, जिसके बाद अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी सौदे के लिए सक्षम हो सका। त्यागी समेत तीनों आरोपियों को कोर्ट ने 4 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेजा, जबकि सीबीआई ने 10 दिन की रिमांड मांगी थी।