नई दिल्ली। कैश की कमी से आम जनता को हो परेशानी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। नोटबंदी मामले में शुक्रवार को सुनवाई करते हुए शीर्ष कोर्ट ने केंद्र सरकार से कड़े सवाल पूछे हैं। 14 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकार से पूछा कि क्या इस फैसले को पूरी तरीके से गोपनीय रखा गया था? इसके अलावा सरकार द्वारा तय नकद निकासी की अधिकतम सीमा का पालन क्यों नहीं किया जा रहा?
चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सहकारी बैंकों को लेन-देन का अधिकार देने की बात भी कही। कोर्ट ने नोटबंदी पर 9 सवाल खड़े किए हैं। इन्हीं पैमानों पर कोर्ट तय करेगा कि नोटबंदी का फैसला संनैधानिक है या नहीं।
वहीं कोर्ट में सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल नोटबंदी के फैसले की जोरदार वकालत की। उन्हों ने कहा कि नोटों की किल्लत को दूर करने की कोशिशें की जा रही हैं। हम सरकार चुपचाप नहीं बैठेहैं। यह परेशानी 10 से 15 दिनों में खत्म हो जाएगी।
बता दें कि देशभर में नोटबंदी के फैसले को लागू करने के बाद सारे बैंक कैश की कमी से जूझ रहे हैं। बैंकों के बाहर लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई हैं। पर लोगों को कैश नहीं मिल पा रहा।