नई दिल्ली। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में गिरफ्तार वायुसेना के पूर्व अध्यक्ष एस पी त्यागी एवं दो अन्य आरोपियों को 14 दिसम्बर तक के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया।
सीबीआई ने त्यागी, उनके भतीजे संजीव त्यागी उर्फ जूली त्यागी तथा वकील गौतम खेतान को सीबीआई के विशेष मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया। इस मामले में तीनों को सीबीआई ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया था।
जांच एजेंसी ने 3600 करोड़ रुपए के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीद में अनियमितताओं के सिलसिले में तीनों को भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 420 तथा भ्रष्टाचार निरोधक कानून 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था।
त्यागी ने मजिस्ट्रेट के समक्ष पेशी के दौरान अपने खिलाफ लगे आरोपों से इन्कार करते हुए कहा कि वह भ्रष्टाचारी नहीं हैं। उन्होंने कहा, मैं अपने बैंक खातों को पूरा विवरण दे सकता हूं।
सीबीआई के वकील ने तीनों को 10 दिन की हिरासत में भेजने का मजिस्ट्रेट से आग्रह किया, लेकिन इसमें उसे सफलता नहीं मिली। निचली कोर्ट ने तीनों को 14 दिसम्बर तक के लिए सीबीआई हिरासत में भेज दिया।
सीबीआई वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले के सिलसिले में पहले भी त्यागी से कई दौर की पूछताछ कर चुकी थी। सीबीआई ने त्यागी से दलालों से कथित रिश्तों, उनके इटली दौरों, हेलीकॉप्टर के लिए शर्तों में तब्दीली और संजीव त्यागी से रिश्तों को लेकर कई सवाल किए थे।
त्यागी पर रिश्वत लेकर 3,600 करोड़ रुपए के हेलीकॉप्टर डील कराने का आरोप है। त्यागी से पहले भी पूछताछ की जा चुकी है। बता दें कि त्यागी 2005 से 31 मार्च, 2007 तक वायूसेना प्रमुख थे।
क्या है मामला?
यूपीए सरकार के वक्त अगस्ता वेस्टलैंड से वीवीआईपी के लिए 12 हेलिकॉप्टरों की खरीद की डील हुई थी। डील का 12% हिस्सा रिश्वत में देने की बात सामने आई थी। इसके बाद यूपीए सरकार ने फरवरी 2013 में डील रद्द कर दी थी। तब त्यागी समेत 13 लोगों पर केस दर्ज किया गया था।
इटली की कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड के दो अधिकारियों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई थी। कहा कि कंपनी ने डील हासिल करने के लिए भारतीय अफसरों से लेकर शीर्ष नेताओं को रिश्वत दी। इटली के कोर्ट के 225 पन्नों की रिपोर्ट में तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी और उनके रिश्तेदारों का प्रमुखता से नाम है।