नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नोटबंदी पर आज एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर करारा प्रहार किया है। सदन के बाहर उन्होंने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि हम पिछले एक महीने से नोटबैन पर बात करने की कोशिश कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए।
प्रधानमंत्री पूरे देश में भाषण दे रहे हैं मगर लोकसभा में आने से डरते हैं। इतनी घबराहट क्यों? राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी भारत के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला है। लोकसभा में उनको बोलने नहीं दिया जा रहा है। वह जनता के विचार रखना चाहते हैं।
...तो भूकंप आ जाएगा
राहुल गांधी ने संबित पात्रा के बयान पर कहा कि उनकी वजह से संसद में काम नहीं हो पा रहा है और वे हमें दोष दे रहे हैं। उल्टा चोर कोतवाल को डांटे। अगर सरकार मुझे लोकसभा में बोलने दे तो आप देखिएगा, भूकंप आ जाएगा।
चर्चा से भाग रहे हैं प्रधानमंत्री
आपको बता दें कि गुरुवार को भी मोदी सरकार को लेकर राहुल गांधी के तेवर कड़े थे। उन्होंने कल कहा था कि प्रधानमंत्री पिछले एक महीने से इस मुद्दे पर अपनी बातें बदल रहे हैं, जबकि लोग कठिनाइयों के बोझ के तले दबते जा रहे हैं। उनके (मोदी) मूर्खतापूर्ण निर्णय ने देश को बर्बाद कर दिया। 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई। प्रधानमंत्री संसद में चर्चा से भाग रहे हैं।
नोटबंदी देशद्रोही जैसा फैसला
वहीं, राज्यसभा में वाम नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि सरकार भारतीय अन्नदाताओं को बर्बाद कर रही है। आपको स्वीकार करना पड़ेगा कि यह एक देशद्रोही फैसला है। वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि सरकार को एक बार अपने फैसले पर विचार करने की जरूरत है। या फिर किसान तबाह और बर्बाद हो जाएंगे।
विपक्ष ने 16 दिन बर्बाद किए
दूसरी ओर लोकसभा में भी इस मुद्दे पर चर्चा को लेकर हंगामा जारी रहा। हंगामे को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया। इसके बाद जब कार्यवाही शुरू हुई तो सत्ता और विपक्ष का अरोप प्रत्यारोप शुरू हो गया। कांग्रेस ने कहा कि नोटबंदी से लोग परेशान हैं, वह चर्चा के लिए तैयार है। लोगों की परेशानी पर चर्चा होनी चाहिए। इस पर सत्ताधारी भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने कहा कि विपक्ष को माफी मांगनी चाहिए। सरकार ने कहा कि हंगामे के कारण विपक्ष ने 16 दिन बर्बाद कर दिया।